Muzaffarnagar News: टिकैत बंधुओं पर तालाब और बंजर भूमि कब्जाने का आरोप, तालाब की जमीन पर ही बना भाकियू का दफ्तर
सिसौली के ग्रामीणों ने रविवार को पत्रकार वार्ता की। इस दौरान गांव के राहुल मुखिया ने भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत व राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर गांव के करीब 12 तालाबों पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। सिसौली में तालाब और सरकारी बंजर भूमि कब्जाने का मामला सामने आया है। सिसौली के ग्रामीणों ने भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैट और राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत पर तालाब और सरकारी भूमि कब्जाने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों का कहना है कि टिकैत बंधुओं ने अपने लोगों को इन कब्जाई हुई जमीन को बेचकर निर्माण करा दिया है। आरोप लगाया कि भारतीय किसान यूनियन का कार्यालय भी तालाब की कब्जाई हुई भूमि पर बना रखा है। सिसौली के ग्रामीण राहुल मुखिया, देवेंद्र बालियान, कपिल बालियान, सुभाष बालियान और रविंद्र उर्फ प्रदीप ने मेरठ रोड स्थित रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता में बताया कि सिसौली में करीब 13 तालाबों पर कब्जा कर आवासीय भवन बना दिए गए हैं। उन्होंने चौ. नरेश टिकैत और राकेश टिकैत पर आरोप लगाते हुए बताया कि 1961 के बाद दोनों भाईयों ने गांव में चकबंदी नही होने दी है, क्योंकि उन्होंने कब्जे की जमीन पर ही अपना कार्यालय और घेर बना रखा है, जो पहले तालाब हुआ करता था। टिकैत भाइयों पर आरोप है कि 12 बीघे के एक तालाब पर उन्होंने अपने लोगों को फर्जी कागज बनवाकर बेच दिया और निर्माण करा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि डीएम, एसडीएम समेत प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत की गई। गांव में कार्रवाई के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी पहुंचते हैं तो उन्हें अपनी धमक दिखाकर भाग दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि यदि कब्जे के तालाब और भूमि जिला प्रशासन मुक्त नहीं कराता है तो वह इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक जाएंगे।
इनका कहना है...
जिन्होंने कब्जे का आरोप लगाया है, वह खुद ही अपनी जमीन गांव से बेच रहे हैं। कब्जे के आरोप निर्राधार है। गांव में बने डिग्री कालेज, इंटर कालेज और किसान भवन किसानों की मेहनत से बनाए गए हैं। हमने सब कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर रखी है।
- चौ. नरेश टिकैत, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाकियू
सिसौली में चौ. नरेश टिकैत और चौ. राकेश टिकैत द्वारा सरकारी जमीन कब्जाने संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि कोई शिकायत करता है तो खसरा, खतौनी के आधार पर जांच की जाएगी।
- अरुण कुमार, एसडीएम बुढ़ाना