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कल से सिंचाई के लिए खोल दिए जाएंगे मेरठ में गंगनहर से जुड़े रजवाहे व माइनर Meerut News

वार्षिक नहरबंदी कार्यक्रम में एक माह के लिए हरिद्वार से गंगनहर आपूर्ति बंद होने के बाद दीपावली की रात चालू कर दी गई थी। गंगनहर में जलापूर्ति के बाद 26 नवंबर को खेतों की सिंचाई के लिए रजवाहों और माइनरों को भी खोल दिया जाएगा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 02:53 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 02:53 PM (IST)
कल से सिंचाई के लिए खोल दिए जाएंगे मेरठ में गंगनहर से जुड़े रजवाहे व माइनर Meerut News
मेरठ में 26 नवंबर को खेतों की सिंचाई के लिए रजवाहों और माइनरों को भी खोलाा जाएगा।

मेरठ, जेएनएन। वार्षिक नहरबंदी कार्यक्रम में एक माह के लिए हरिद्वार से गंगनहर आपूर्ति बंद होने के बाद दीपावली की रात चालू कर दी गई थी। गंगनहर में जलापूर्ति के बाद 26 नवंबर को खेतों की सिंचाई के लिए रजवाहों और माइनरों को भी खोल दिया जाएगा। कल से किसान अपने खेतों की सिंचाई कर सकेंगे।

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45 लाख के बजट में हुई सफाई

वार्षिक नहरबंदी कार्यक्रम के तहत सिंचाई विभाग ने गंगनहर से जुड़े रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई की थी। 15 अक्टूबर से जलापूर्ति हरिद्वार से बंद कर दी गई थी। जो दीपावली की रात 14 नंवबर को चालू की गई। सिंचाई विभाग ने इस एक माह के समयावधि में गंगनहर से जुड़े 353 किमी रजवाहे व 295 किमी माइनरों की सिल्ट निकाली। मेरठ में सिंचाई विभाग को शासन से जिला मेरठ के रजवाहों व माइनरों की सिल्ट सफाई के लिए 45 लाख का बजट मिला था। मेरठ डिविजन के चार जनपदों में यह बजट 1.60 करोड़ था।

किसानों कर सकेंगे सिंचाई

सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सिल्ट सफाई के बाद रजवाहों व माइनरों के निरीक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा टास्क फोर्स का गठन होता है। जिसके निरीक्षण के बाद वह अपनी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजते हैं। तत्पश्चात शासन से हरी झंडी मिलने के बाद किसानों के लिए रजवाहों व माइनरों की आपूर्ति सिंचाई के लिए चालू कर दी जाती है। दबथुवा निवासी किसान गजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगनहर बंद होने से सिंचाई में काफी परेशानी हो रही थी। उन्होंने वार्षिक नहरबंदी कार्यक्रम का समय साल में बदलने की मांग की है।

इनका कहना है...

शासन ने 26 नंवबर से सिंचाई के लिए रजवाहों व माइनरों का रोस्टर जारी किया है। टास्क फोर्स ने निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। मेरठ में केवल 100 किमी के ऐसे रजवाहे व माइनर बचे हैं, जो सिंचाई के लिए उपयोगी नहीं है। ऐसे रजवाहों व माइनरों पर धन आवंटन कराना उपयुक्त नहीं था। 26 नंवबर को सिंचाई के लिए रजवाहे व माइनर खोल दिए जाएंगे।

- आशुतोष सारस्वत, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग। 


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