नेत्रहीनों के लिए रेलवे ने कोच में लिखे ब्रेल लिपि में नंबर
ट्रेनों में आरामदायक माहौल में यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेल प्रशासन नई-नई कवायद कर रहा है। नेत्रहीनों को अब उनकी सीट कहां पर है पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मेरठ, जेएनएन। ट्रेनों में आरामदायक माहौल में यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेल प्रशासन नई-नई कवायद कर रहा है। नेत्रहीनों को अब उनकी सीट कहां पर है पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेरठ सिटी स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों में ब्रेल लिपि में सीट नंबर अंकित किए गए हैं। यही नहीं आपातकालीन खिड़की और पुलिंग चेन कहां पर है यह भी ब्रेल लिपि में अंकित किया गया है।
मेरठ सिटी स्टेशन में नौचंदी और मंद सौर ट्रेनों का मेंटीनेंस होता है। कोच मेंटीनेंस विभाग के पास 117 कोचों के रखरखाव का जिम्मा है। कोचों के गेट के साइड में और सीटों पर ब्रेल लिपि में नंबर अंकित किए जा रहे हैं। विकलांग कोचों पर ब्रेल लिपि में प्लेटें अंकित जी रही है। यही नहीं किसी परेशानी में नेत्रहीन अब बिना किसी से पूछताछ किए यह भी पता लगा सकेंगे कि ट्रेन रोकने के लिए चेन कहां पर है। इसी तरह आपातकालीन खिड़की पर भी प्लेट ब्रेल लिपि में लगाई जा रही है। मुख्य कोच अधिकारी संजय गुप्ता ने बताया कि 90 कोचों में ब्रेल लिपि में प्लेट लगाने का काम पूरा हो गया है।
एक एसएमस पर कोच में उपलब्ध होगी साफ साफाई की सुविधा
स्टेशन के साथ ट्रेनों में स्तरीय सेवाओं के मानक पूरे करने के लिए रेलवे एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। रेलवे का कोचों में चलती ट्रेन में यात्री सुविधाओं पर फोकस है। अब एक एसएमएस पर साफ सफाई या अन्य परेशानी होने पर उसका मौके पर निराकरण होगा। मेरठ से चलने वाली नौचंदी और मंदसौर एक्सप्रेस में यह सुविधा शुरु हो गई है।
चलती ट्रेन में यात्रियों को कोई दिक्कत होती है तो वह कोच मित्र और रेल मदद पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान के तहत यह पोर्टल लांच किया गया है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर राकेश कुमार ने बताया कि बायो टायलेट की सुविधा भी इसी के तहत आरंभ की गई थी। स्टेशन अधीक्षक आपी शर्मा ने बताया कि स्टेशन पर पहले से ही सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग डिस्पोजल किया जा रहा है। मोबाइल नंबर 9821736069 या 138 नंबर पर अलग-अलग शिकायतों के लिए अलग-अलग प्रकार से एसएमएस टाइप करना होगा। कोच डिपो अधिकारी एसके गुप्ता ने बताया कि अभी तक नौचंदी और मंदसौर में ट्रायल पर चलती ट्रेन में साफ सफाई और सुविधा चल रही थी। अब इसे नियमित किया जा रहा है।