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बुलेट प्रुफ जैकेट से लैस होंगे आरएएफ के जवान

मेरठ : दंगा नियंत्रण में माहिर रैपिड एक्शन फोर्स के जवान भी अब बुलेट प्रुफ जैकेट से लैस होने जा रहे

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 08:17 AM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 08:17 AM (IST)
बुलेट प्रुफ जैकेट से लैस होंगे आरएएफ के जवान
बुलेट प्रुफ जैकेट से लैस होंगे आरएएफ के जवान

मेरठ : दंगा नियंत्रण में माहिर रैपिड एक्शन फोर्स के जवान भी अब बुलेट प्रुफ जैकेट से लैस होने जा रहे हैं। आरएएफ महानिदेशालय से मेरठ की 108 बटालियन पहुंचे पुलिस महानिरीक्षक आरएएफ अरुण कुमार ने कहा कि जवानों की सुरक्षा जरूरी है और बहुत जल्द उन्हें यह तोहफा नवाजा जाएगा। ट्रेनिंग को भी और अत्याधुनिक बनाने पर विचार किया जा रहा है।

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24 अप्रैल को आरएएफ के आइजी पद पर आसीन होने के बाद अरुण कुमार सोमवार को पहली बार मेरठ बटालियन पहुंचे। 'दैनिक जागरण' से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि समाज में आरएएफ की लोकप्रियता और इस पर लोगों का भरोसा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि दंगों का स्वरूप बदला है तो जवानों की सुरक्षा भी जरूरी है, इसलिए दंगे के दौरान जवानों को बुलेटप्रूफ जैकेट भी दी जाएगी। केंद्र सरकार से बात चल रही है और शीघ्र ही इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी।

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डेमो देखकर गदगद हुए आइजी

महिला व पुरुष जवानों ने आइजी के समक्ष डेमो दिया तो वह गदगद हो गए। अच्छी ट्रेनिंग कराने पर उन्होंने रेपो प्रभारी शिल्पा कुमार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जवानों को अत्याधुनिक ट्रेनिंग देने की ओर भी कदम बढ़ाया जा रहा है, ताकि मनोरंजन के साथ-साथ जवान और अधिक अच्छी ट्रेनिंग पा सकें। इससे पहले प्रात: करीब साढ़े आठ बजे बटालियन पहुंचने पर उन्हें क्वार्टर गार्ड पर सलामी दी गई। इसके बाद उन्होंने कैंप की साफ-सफाई, हथियारों का रखरखाव, जवानों को दी जाने वाली सुविधाएं, क्वार्टरों में रहने वाले जवानों के परिवार, खाद्य सामग्री आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने दोपहर का भोजन जवानों के बीच मैस में किया। तमाम व्यवस्थाओं को देखकर उन्होंने कमांडेंट शैलेंद्र कुमार और उनकी टीम की पीठ थपथपाई।

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नीली वर्दी समुंद्र की तरह नहीं, नदी की तरह होनी चाहिए

इस दौरान सैनिक सम्मेलन भी हुआ, जिसमें आइजी ने जवानों को संबोधित किया और उनकी समस्याएं जानी। उन्होंने अधीनस्थों को उपद्रव को रोकने, चुनौतियों से निपटने आदि के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि नीली वर्दी समुंद्र की तरह नहीं, नदी की तरह होनी चाहिए। बहती चली जाए और लोगों की मदद करती चली जाए। इसी तरह जवान भी लोगों की मदद करते हुए आगे बढ़ते चले जाएं। इस दौरान कमाडेंट शैलेंद्र कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी योगेश कुमार व केएम बुनकर, रेपो प्रभारी शिल्पा कुमार, सहायक कमांडेंट सोनिया, कौशल चौधरी व गौरव कुमार आदि शामिल रहे।

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क्रांतिधरा को आइजी ने किया नमन

द्वितीय कमान अधिकारी योगेश कुमार ने बताया कि आइजी अरुण कुमार मूल रूप से सरधना तहसील के गांव झिटकरी के रहने वाले हैं और फिलहाल उनका परिवार मेरठ के पल्लवपुरम में रहता है। आइजी बनने के बाद पहली बार यहां पहुंचे तो उन्होंने पुरानी यादें साझा की।


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