आस्था और उत्साह मना राधारानी का जन्मोत्सव
राधाष्टमी पर्व मंदिरों में शारीरिक दूरी के अनुपालन के साथ मनाया गया।
जेएनएन, मेरठ। राधाष्टमी पर्व मंदिरों में शारीरिक दूरी के अनुपालन के साथ मनाया गया। राधारानी और कान्हा के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक किया गया व दिव्य श्रृंगार किया गया।
पंडित शिवमूíत ने बताया कि मान्यता है जो जन्माष्टमी पर पूजन और व्रत करते हैं, उन्हें राधाष्टमी पर भी व्रत और पूजन करना चाहिए। बरसाने में वृषभानुजी को यज्ञ स्थल की सफाई कर रहे थे, तभी उन्हें राधा रानी मिली थी। उन्होंने अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया। बुधवार को औघड़नाथ मंदिर में पुजारियों ने मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक कराया। भक्तों ने कृष्ण और राधा रानी के भजन गाए। सदर धानेश्वर चौक मंदिर में भी पूजन हुआ। यहां अष्टसखियों का भी पूजन हुआ।
नगर निगम स्थित बाबा झाड़खंडी महादेव मंदिर में भजन आरती के साथ राधा अष्टमी उत्सव मनाया गया। भोग लगाया गया और प्रसाद का वितरण हुआ। डा. सुबोध गर्ग, अनिल गुप्ता, प्रमोद कुमार गुप्ता, अरुण कुमार, निष्ठा गुप्ता, गोपाल शास्त्री मौजूद रहे। गणपति के साथ हुआ मां गौरी का पूजन
जेएनएन, मेरठ। गणपति जन्मोत्सव पर शहर में पांचवें दिन भी पूजा-अर्चना का दौर चला। गणपति के साथ मां गौरी का भी पूजन हुआ। मराठी समाज ने शाम को उल्लास और आस्था के साथ परिवार सहित पूजन और आरती में भाग लिया।
कल्याणनगर स्थित सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान को 56 भोग अíपत किया गया। पीतांबर में सजे गजानन ने भक्तों का मन मोह लिया। पुजारी आकाश ठाकुर ने बताया कि चौथे दिन गणपति के साथ गौरी को विराजमान किया जाता है। आज पंचमी और गुरुवार को भी उनका पूजन होगा।
ब्रह्मपुरी मास्टर कालोनी गली नंबर पांच में ज्वैलरी कारीगरी से जुड़े मराठी लोगों में पूजा को लेकर विशेष उत्साह दिखा। तेजस्वनी पाटिल ने बताया कि मंगलवार को रिद्धि सिद्धि का आगमन होता है। बुधवार को मंगला गौरी पूजन होता है। इसमें महिलाएं पारंपरिक नृत्य करते हुए भजन गाती हैं। पूजा, अनीता, अंजली पाटिल आदि ने भाग लिया। विनोद मराठा ने बताया कि कई भक्तों ने पंचमी को गणपति का विसर्जन भी किया।