मेरठ में शहीद अजय कुमार की अंतिम यात्रा में महिलाओं का एलान, हम युद्ध करने को तैयार
शहीद अजय कुमार के गांव में बड़ी संख्या में एकत्र महिलाओं में काफी रोष है। यहां पर महिलाओं ने एलान किया कि हमें युद्ध के लिए भेजो। मर्दों से आगे रहकर हम पाकिस्तान से लड़ेंगे।
मेरठ, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा में आतंकी हमले के बाद कल से सेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन में शहीद हुए मेरठ के सिपाही अजय कुमार की अंतिम यात्रा में सड़क के किनारे खड़ीं महिलाओं में खासा आक्रोश दिखा। यह सब एक स्वर में पाकिस्तान के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा रही थीं। इस दौरान इन सभी में युद्ध करने को कश्मीर भी जाने का एलान किया है।
शहीद अजय कुमार के गांव में बड़ी संख्या में एकत्र महिलाओं में काफी रोष है। यहां पर महिलाओं ने एलान किया कि हमें युद्ध के लिए भेजो। मर्दों से आगे रहकर हम पाकिस्तान से लड़ेंगे। हमें चांस दो मोदी जी। बच्चों पर पत्थर बरसाए जाते हैं। हमने देश के लिए बच्चे पैदा किए हैं, पत्थरबाजों के लिए नहीं। इस दौरान ग्रामीणों ने सत्यपाल सिंह को ज्ञापन दिया। इनकी मांग है कि गांव का मार्ग अजय के नाम हो।
अजय के नाम बने स्मारक और उसमें लगे अजय की प्रतिमा। धारा 370 खत्म हो। एक देश एक कानून हो। अब पार्थिव शरीर आने का इंतजार हो रहा है। अजय कुमार के घर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह व श्रम आयोग के अध्यक्ष सुनील भराला ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्दी ही बासा टीकरी के लाल अजय कुमार की प्रतिमा गांव में लगेगी। इससे पहले मेरठ में शहीद अजय कुमार की अंतिम यात्रा सैन्य सम्मान के साथ छावनी से निकली। सैन्य धुन के साथ शस्त्र सलामी दी गई।
ग्रामीण बोले-सरकार में दम नहीं तो हमें दें खुली छूट
शहीद अजय कुमार की अंतिम यात्रा के दौरान ग्रामीण बोले हम अपने बालक फिर शहीद होने के लिए भेज देंगे लेकिन दुख इस बात का है कि हमारे जवान इन पत्थरबाजों और आतंकी कुत्तों के हाथों शहीद हो रहे हैं। पाकिस्तान का सैनिक लड़े तो गर्व हो कि टक्कर बराबर की हुई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह पर भी लोगों ने भड़ास निकाली। इन लोगों ने कहा कि यह तो चुप हैं कुछ कर नहीं सकते। वोट के लिए आए हैं।
रास्ते मे लोगों ने दे सलामी
अंतिम यात्रा निकलने के बाद रास्ते में जहां भी लोगों ने शहीद का नाम देखा वहां भारत माता के जयकारे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सलामी दी। रास्ते पर साइकिल, वाहन और मोटरसाइकिल से जाते हुए भी लोगों ने सलामी दी और शहादत को नमन किया। हर चौराहे पर खड़े लोगों ने शहीद का नाम देखा और भीगी पलकों के साथ प्रणाम किया।
रूट को लेकर हुई खींचतान
शहीद अजय कुमार के अंतिम यात्रा के लिए रूट को लेकर परिवारीजन और एसपी ट्रैफिक में खींचतान भी नजर आई। एसपी ट्रैफिक अंतिम यात्रा को जानी से लेकर जाना चाहते थे जबकि परिजन मोदीनगर से होते हुए पतला की ओर जाने की मांग कर रहे थे। परिवार के लोगों का कहना था कि मोदी नगर में लोग अंतिम यात्रा का इंतजार करेंगे इसलिए वाहनों को उसी रास्ते पर ले जाया जाए। यहां पर काफी खींचतान और बातचीत के बाद सेना के अधिकारियों ने एसपी ट्रैफिक से अंतिम यात्रा को मोदीनगर होकर ही ले जाने की सलाह दी और वहीं से होकर अंतिम यात्रा उनके घर तक पहुंची।
एसपी ट्रैफिक के पास गांव से किसी विधायक का फोन आने के बाद उन्होंने शहीद अजय के परिजनों से बात करा कर रूट बदलने की कोशिश की। इस पर शहीद के परिजन भड़क गए और बीच रास्ते पर अंतिम यात्रा को रोकने का गुस्सा साफ दिखाई दिया। इसके बाद सभी ने गुस्से में कहा कि अगर पुलिस मोदीनगर से होकर नहीं जा सकती तो वह पार्थिव शरीर को स्वयं लेकर जाएंगे। उसमें पुलिस की कोई मदद नहीं चाहिए काफी देर की जद्दोजहद के बाद एसपी ट्रैफिक रास्ते जाने को राजी हुए और फिर अंतिम यात्रा यहां से रवाना हुई।