मेरठ में उड़ान के लिए प्रस्ताव तैयार, जमीन खरीद पर खर्च होंगे 800 करोड़ Meerut News
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने मेरठ में हवाई अड्डे के लिए नया मास्टर प्लान बनाया था। हवाई अड्डा निर्माण के लिए लगभग 330 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। मेरठ से हवाई उड़ान का सपना साकार करने की दिशा में एक कदम और बढ़ गया है। जमीन खरीदने में खर्च होने वाली धनराशि का आकलन हो गया है। जमीन खरीद में करीब 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रशासन ने संबंधित गांवों में खसरे का सत्यापन कर किसान खातेदारों के नाम भी जुटाए हैं। सोमवार को इसका प्रस्ताव शासन को जाएगा। जमीन खरीद की बढ़ती लागत के मद्देनजर समझौता या अधिग्रहण दोनों विकल्प सुझाए गए हैं।
नया मास्टर प्लान
इसी साल अप्रैल में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने मेरठ में हवाई अड्डे के लिए नया मास्टर प्लान बनाया था। हवाई अड्डा निर्माण के लिए लगभग 330 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। 47 एकड़ से कुछ कम हवाई पट्टी की भूमि एएआइ को प्रदेश सरकार चार जुलाई-2014 को सौंप चुकी है। एएआइ ने प्रदेश सरकार से 282.73 एकड़ भूमि और देने को कहा है। लगभग 86 एकड़ सरकारी भूमि चिह्न्ति है, जिसका हस्तांतरण प्रदेश सरकार से एएआइ को होना है। शेष लगभग 197 एकड़ भूमि प्रदेश सरकार को खरीदनी होगी। हालांकि, कुछ जमीन वन विभाग की भी है जिसके हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है। भूमि उपलब्ध होते ही एएआइ काम शुरू कर देगी। निर्माण में करीब एक वर्ष लगेगा। इसी वर्ष फरवरी में मेरठ से हवाई उड़ान के लिए भी बिड निकाली थी। इसमें मेरठ से लखनऊ और प्रयागराज के बीच रूट को मंजूरी मिली। इस रूट पर जूम एयर ने सेवा देने की सहमति जताई।
पराग बचेगा और गगोल तीर्थ भी
मास्टर प्लान में यह प्रावधान रखा गया है कि हवाई अड्डे की वजह से पराग डेयरी भी प्रभावित न हो और पौराणिक गगोल तीर्थ की जमीन और उसका मेला क्षेत्र भी यथावत रहे।
पचास सीटर विमान संचालन की योजना
एएआइ और जूम एयर की सात सदस्यीय टीम ने कुछ समय पहले मौजूदा हवाई की जांच-परख के बाद सीआरजे-200 प्लेन (50 सीटर) संचालन का प्लान बनाया था। उसी आधार पर जमीन खरीद के लिए प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया। इन्हीं मानकों पर 72 सीटर एटीआर-72 भी ऑपरेट हो सकेगा।
हवाई पट्टी की लंबाई-चौड़ाई बढ़ेगी
नए मास्टर प्लान के मुताबिक 1500 मीटर लंबे और 23 मीटर चौड़े मौजूदा रनवे को ही बढ़ाकर 2050 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा किया जाएगा।
इन्होंने बताया
2014 में 920 करोड़ रुपये का आकलन हुआ था, लेकिन अब 800 करोड़ रुपये का आकलन हुआ है। प्रस्ताव सोमवार तक शासन को भेजा जाएगा।
- संजय पांडेय, सिटी मजिस्ट्रेट