एकांत, सुकून व गांव की मस्ती चाहिए.. तो मेरठ आइए
भागदौड़भरी जिदगी में दो पल सुकून के मिल जाएं तो क्या कहने।
मेरठ, जेएनएन। भागदौड़भरी जिदगी में दो पल सुकून के मिल जाएं तो क्या कहने। कोरोना काल में लोग भीड़ से दूर हो एकांत में प्रकृति के बीच जाना चाहते हैं। मेरठ के किसानों ने अपने कृषि फार्म में ग्रामीण पर्यटन का शानदार नमूना तैयार किया है। कृषि फार्म में रहने के लिए झोपड़ीनुमा लिविग काटेज, चारों तरफ हरे-भरे खेत, खाने के लिए देशी उत्पाद और घूमने के लिए प्रकृति का खूबसूरत नजारा, यहां सब कुछ मिलेगा। मेरठ जिले में कुनकुरा के राज नेचर फार्म और हस्तिनापुर में ग्रीनलैंड फार्म को इसी तरह से रूप देकर तैयार किया गया है। यहां पर एनसीआर-दिल्ली तक के पर्यटक घूमने आ रहे हैं। पर्यटकों ग्रामीण जीवन-शैली का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं।
राज नेचर फार्म में खेती से लेकर काटेज तक
मेरठ-पौड़ी मार्ग पर मसूरी गांव से करीब चार किमी अंदर कुनकुरा गांव में प्रद्युम्न चौधरी ने 20 एकड़ में राज नेचर फार्म तैयार किया है। यहां उनके पास पालीहाउस की खेती से लेकर लिविग काटेज, स्वीमिग पूल, खेल के मैदान, झूले, बोटिग व फोटो शूट के लिए सब कुछ ग्रामीण परिवेश को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बुग्गी की सवारी, खाने में चूल्हे की रोटी के साथ हांडी में पकी दाल व सब्जी व घूमने के लिए विभिन्न प्रकार के फूलों के खेत यहां की खूबसूरती है।
झील का नजारा, झोपड़ी और पैडल बोट भी
प्रगतिशील किसान अजय मलिक ने हस्तिनापुर में मध्य गंगनहर किनारे बीस एकड़ में ग्रीनलैंड रिजोर्ट तैयार किया है। अजय ने इसे उत्तराखंड के टनकपुर को ध्यान में रखकर संवारा है। ग्रीनलैंड में पैडल बोट, झोपड़ीनुमा लिविग काटेज, स्वीमिग पूल व झील के नजारे जैसा मनोरम दृश्य पर्यटकों को लुभाने वाला है। उनका कहना है कि कोरोना काल में लोग तेजी से तनाव को छोड़कर सुख-शांति के लिए गांव की ओर आ रहे हैं।