विरोध के साथ प्रगति पर है एक्सप्रेस-वे के निर्माण की रफ्तार
मेरठ : दिल्ली से मेरठ का सफर मार्च-2019 तक सुहाना बनाने के लिए एक्सप्रेस-वे पर कार्य तेजी से किय
मेरठ : दिल्ली से मेरठ का सफर मार्च-2019 तक सुहाना बनाने के लिए एक्सप्रेस-वे पर कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से लगातार मॉनिट¨रग की जा रही है। इसे देखते हुए शुक्रवार को सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने एनएचएआइ अधिकारियों के साथ भूड़बराल में बनाए जा रहे इंटरकनेक्टर का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य की जानकारी ली। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस के चौथे चरण डासना से मेरठ के बीच की दूरी 32 किमी है। प्रोजेक्ट का पहला चरण निजामुद्दीन से यूपी गेट तक पूरा हो चुका है।
एक्सप्रेस-वे के इस 32 किमी लंबे हिस्से पर 99 स्ट्रक्चर तैयार किए जाने हैं। इसे मार्च-2019 अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। इससे लोकसभा चुनाव 2019 से पहले दिल्ली से मेरठ चलने वाले लोगों को सौगात दी जा सके। निरीक्षण के दौरान सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि रोजाना प्रोजेक्ट की रिपोर्ट ली जा रही है। 33 स्ट्रक्चर पर कार्य पूरा हो चुका है। अगले एक महीने में उम्मीद है कि सभी स्ट्रक्चर पूरे कर लिए जाएंगे। वहीं इस कार्य को तेज गति से करने के लिए छह स्थानों पर डिपो बनाए गए हैं। इससे निर्माण कार्य में देरी न हो। जनवरी अंत तक डासना से हापुड़
एनएचएआइ के टेक्निकल मैनेजर अरविंद कुमार ने बताया कि जनवरी-2019 तक डासना से हापुड़ तक का 22 किमी का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 11 किमी का कार्य लगभग पूरा है।
किसानों से बात करेंगे
सांसद ने कहा कि भूमि अधिग्रहण मामलों को किसानों से बैठकर वार्ता की जाएगी। उसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी। सभी को इसके लिए मना लिया जाएगा। अब काम बंद नहीं होगा। वहीं उन्होंने कहा कि चुड़ियाला से हापुड रोड स्थित हाजीपुर में 8.8 किमी के निर्माण कार्य के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से टेंडर के लिए बात करुंगा। इसके लिए भी जल्द टेंडर निकालकर कार्य शुरू कराया जाएगा। इससे यह भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के हिस्से से जुड़ सके। काटे गए 738 पेड़
एक्सप्रेस वे के चौथे चरण के निर्माण के लिए निर्माण के लिए 738 पेड़ को काट दिया गया है। इसमें 360 पेड़ फलदार थे और 378 पेड़ अन्य थे। इनके मुआवजे के लिए एनएचएआइ की तरफ से फाइल तैयार कर ली गई है। मेरठ के एडीएम एलए को इसकी सूची सौंपकर मुआवजा देने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी। ये स्ट्रक्चर होने हैं तैयार
पीयूपी (पिपुल अंडरपास) - 44
कलवर्ट्स - 13
एलवीयूपी (लाइट व्हीकल अंडरपास) - 14
वीयूपी (व्हीकल अंडरपास) - 12
माइनर ब्रिज - 14
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मुआवजा मिलने तक करेंगे विरोध
गांव अछरोंडा के साथ काशी गांव के किसानों ने भी पूरी मुआवजा राशि मिलने तक विरोध करने का एलान किया है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी भी करोड़ों रुपये के मुआवजे का वितरण किसानों को नहीं हो सका है, जबकि तेजी से निर्माण कार्य अधिग्रहीत की गई भूमि पर जारी है। ग्रामीणों के अनुसार शुक्रवार को भी उन्होंने अपनी मांग को लेकर निर्माण कार्य रोके रखा। उधर, इस संबंध में एनएचएआइ के अधिकारी कुछ बोलने से बचते रहे। इनका कहना--
किसानों द्वारा निर्माण कार्य रोकने की शिकायत मिली थी, जिस पर एडीएम सिटी को निर्देशित कर दिया गया। शुक्रवार को निर्माण कार्य बाधित होने के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली।
-अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी किसानों को मुआवजे के रूप में चार करोड़ रुपये जारी कर दिए गए थे। कुछ लोगों ने ग्रामीणों को गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। परतापुर पुलिस ने शुक्रवार दोपहर को मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। शुक्रवार को निर्माण कार्य पूर्व की तरह से ही जारी रहा।
-किशोर कान्याल, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ