बस औपरचारिकता बनकर रह गई महिला उत्पीड़न की जनसुनवाई, अव्यवस्था देख भड़कीं राज्य महिला आयोग की सदस्य, दिए ये सख्त निर्देश
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य प्रियवंदना तोमर जन समस्याओं को सुनने के लिए खंड विकास कार्यालय में पहुंची। वहां पर आयोजकों द्वारा उन्हें दूसरे कार्यक्रम में ले जाने पर वह बुरी तरह भड़क गई। बाद में उन्होंने जन समस्याएं सुनीं।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य प्रियवंदना तोमर जन समस्याओं को सुनने के लिए खंड विकास कार्यालय में पहुंची। वहां पर आयोजकों द्वारा उन्हें दूसरे कार्यक्रम में ले जाने पर वह बुरी तरह भड़क गई। बाद में उन्होंने जन समस्याएं सुनीं। मात्र पांच समस्याएं आने पर वह नाराज हो कर चली गई।
यह है मामला
खंड विकास कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों की जनसुनवाई का कार्यक्रम था। परंतु डीपीओ द्वारा कार्यक्रम में भीड़ भाड़ दिखाने को लेकर डॉ प्रियंवदा तोमर को पहले से चल रहे बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में ले गए, जबकि उनको उक्त कार्यक्रम की कोई जानकारी भी नहीं थी। जिसको लेकर वह भड़क उठी और उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई तो बाद में आनन-फानन में आंगनबाड़ियों को एक कक्ष में किया गया और कार्यक्रम की औपचारिकता पूरी की गई।
जनसुनवाई कार्यक्रम में मात्र चार शिकायतें आई। बाद में राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रियवंदा तोमर ने कम शिकायतें आने को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने साफतौर पर कहा मैं कार्यक्रम से संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने कहा की आयोजकों ने कार्यक्रम का प्रचार प्रसार नहीं किया जिसके चलते पीड़ित महिलाएं नहीं पहुंच पाई। महिला उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायतों की जनसुनवाई एवं समीक्षा बैठक का कार्यक्रम मात्र औपचारिकता बनकर रह गया।