प्रमुख सचिव ने की योजनाओं की समीक्षा, बोले-अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाएं अफसर Meerut News
प्रमुख सचिव ने कहा कि अफसर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें और विकास कार्यो की गुणवत्ता से कोई समझौता न होने दें।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ जनपद के नोडल अफसर प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में कानून व्यवस्था, विकास कार्यो और विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने बढ़ते अपराध पर चिंता जताई व पुलिस अफसरों से अपराध रोकने और अपराधियों पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अफसर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें और विकास कार्यो की गुणवत्ता से कोई समझौता न होने दें। इसके लिए नियमित निरीक्षण किए जाएं और खामियां मिलने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करें।
विकास कार्यों की गुणवत्ता भी बढ़े
नोडल अफसर की समीक्षा बैठक सुबह 11 बजे से तय थी, लेकिन यह तीन बजे के बाद शुरू हो सकी। बैठक में नोडल अफसर राजेश कुमार सिंह ने जनपद में अपराध की घटनाएं बढ़ने पर नाराजगी जताई। एसपी सिटी डा. अखिलेश नारायण को उन्होंने घटनाओं पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गत वर्षो की तुलना में प्रदेश में विकास कार्यो की संख्या तो खासी बढ़ी है, लेकिन इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित कराना भी जनपद के जिम्मेदार अफसरों का दायित्व है। शहरी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सामुदायिक शौचालय निर्माण कराने, कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्रों में भर्ती कराने का निर्देश दिया।
डीएम ने जानी प्रगति रिपोर्ट
साथ ही कहा कि कुपोषित बच्चों की पहचान उनकी लंबाई नहीं, बल्कि उनके वजन से की जाए। इस संबंध में शासन को पत्र भेजने की घोषणा की। डीएम अनिल ढींगरा और सीडीओ ईशा दुहन ने आयुष्मान भारत योजना, गन्ना भुगतान, किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, ग्रामीण आजीविका मिशन व स्वच्छ भारत मिशन के तहत लक्ष्यों की प्रगति की जानकारी दी। इस दौरान कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने उनका सम्मान किया। बैठक में सीएमओ डा. राजकुमार, डीएफओ अदिति शर्मा, सचिव एमडीए प्रवीणा अग्रवाल, सिटी मजिस्ट्रेट संजय कुमार पांडेय, परियोजना निदेशक भानू प्रताप आदि अधिकारी मौजूद रहे।
अफसरों ने किया तीन घंटे इंतजार
निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक समीक्षा बैठक सुबह 11 बजे से होनी थी। इसका समय शुक्रवार सुबह को बदलकर 12.30 बजे कर दिया गया। अधिकांश अधिकारी 12 बजे तक बचत भवन सभागार में पहुंच गए। नोडल अधिकारी निरीक्षण पर निकले और लगभग एक बजे पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचे। यहां से लगभग ढ़ाई बजे निकले तो लंच के लिए चले गए। लगभग साढ़े तीन बजे समीक्षा बैठक शुरू हो सकी। अधिकारी तब तक सभागार में ही बैठकर इंतजार करते रहे।
पीडब्ल्यूडी ऑफिस में शौचालय की दुर्गंध
नोडल अफसर ने पीडब्ल्यूडी के विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण किया। निर्माण खंड के भवन में उन्हें शौचालय की दरुगध मिली। उन्होंने एक्सईएन को शौचालय को स्थानांतरित करने और गैलरी में खड़ी की गई पुरानी सेफ की नीलामी और ज्यादा पुराने रिकॉर्ड को नष्ट करने का निर्देश दिया। प्रांतीय खंड में उन्होंने सड़कों के गड्ढामुक्ति अभियान की समीक्षा की। ई-टेंडरिंग का पालन करने का निर्देश दिया। गांवों को जोड़ने वाली ऐसी सड़कों को पीडब्ल्यूडी अपने अधीन करे, जिनका कोई मालिक नहीं है। डीएम अनिल ढींगरा, सीडीओ ईशा दुहन आदि मौजूद रहे।
कर्मचारियों के सिर पर मौत की तरह झूल रहे हैं पंखे
पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड कार्यालय में कर्मचारियों के हॉल में नोडल अफसर ने निरीक्षण किया। इस दौरान फर्श से लेकर फर्नीचर, सेफ और फाइलें सब कुछ साफ सुथरा था। कर्मचारी भी आज बन-ठनकर आये थे। सब कुछ अच्छा लग रहा था लेकिन छत की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। वहां पुराने गले लोहे के पाइप पर आधा दर्जन से ज्यादा पंखे लगे थे। ये पंखे नीचे बैठे कर्मचारियों के सिर पर मौत की भांति झूल रहे हैं।