मेरठ: प्राथमिक स्कूलों में पसरा सन्नाटा चहल-पहल में बदला, सहपाठियों से मिलकर खुश हुए बच्चे
कोरोना के प्रकोप के कारण करीब एक साल से प्राथमिक विद्यालय बंद थे। शासनादेश के बाद सोमवार सुबह खुले कक्षा एक से पांच तक के सरकारी और निजी स्कूलों में छात्र-छात्राएं पहुंचे। मवाना में लंबे अंतराल के बाद स्कूल आने की खुशी उनके चेहरे पर झलक रही थी।
मेरठ, जेएनएन। शासनादेश के बाद सोमवार सुबह कक्षा एक से पांच तक के स्कूल खुल गए। मवाना में भी बच्चों ने अपने बैग संभाले और निर्धारित समय पर विद्यालय पहुंचे। लंबे समय बाद बच्चे अपने सहपाठियों व गुरुजनों से मिलकर प्रफुल्लित हुए। कोरोना से बचाव की गाइडलाइन के तहत उन्हें सैनिटाइजर और मास्क के इस्तेमाल केे साथ प्रवेश दिया गया।
कोरोना के चलते पिछले साल 22 मार्च को शिक्षण संस्थाएं बंद हो गई थीं। महामारी पर अंकुश लगने के चलते शासन की ओर से कक्षा 6 से 9 तक के विद्यालय गत दस फरवरी को खुल गए थे। कक्षा एक से पांच तक के परिषदीय व प्राइवेट स्कूल शासन की जारी गाइडलाइन के पालन के साथ एक मार्च से खोलने के निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिए थे। इसी क्रम में सोमवार को सुबह नौ प्राथमिक विद्यालय भी खुल गए और बच्चे बैग लेकर विद्यालय पहुंचे।
सैनिटाइजर और मास्क का किया इस्तेमाल
सोमवार को बच्चों के आने के बाद स्कूलों में पसरा सन्नाटा चहल-पहल में बदल गया। बच्चों को कोरोना गाइडलाइन समझाकर चेकिंग के बाद प्रवेश दिया गया। स्कूलों में कक्षा एक से पांच के बच्चों के पहुंचने का पहला दिन था। मवाना में तहसील रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय नंबर सात व नंबर एक में बच्चों को सैनिटाइजर का इस्तेमाल कराकर और मास्क लगाने के बाद प्रवेश दिया गया। जिनके पास मास्क नहीं थे, उन्हें मास्क भी वितरित किए गए। साथ ही क्लास में उन्हें कोरोना से बचाव व सावधानी रखने के नियम बताए। प्राथमिक विद्यालय नंबर एक के इंचार्ज अध्यापक नफीस ने बताया कि कक्षा एक से पांच तक के 35 बच्चों का पंजीकरण है, लेकिन अभी दस ही बच्चे आ पाए हैं। कंपोजिट विद्यालय के इंचार्ज अध्यापक रिजवान ने बताया कि बच्चों को शारीरिक दूरी के पालन के साथ बैठाया गया और सैनिटाइज का प्रयोग कराया जा रहा है।