CAA Protest : बवालियों को पैगाम..मंदिर में आरती और मस्जिद में अजान Meerut News
शहर के संवेदनशील क्षेत्र भूमिया के पुल पर आरती और अजान एक साथ हुई। जुमे के तनावपूर्ण माहौल में सुबह आरती के साथ ही पास की मस्जिदों में फजर की नमाज हुई।
मेरठ, [अभिषेक कौशिक]। CAA Protest क्रांतिधरा ने बवालियों को फिर अमन का पैगाम दिया। संवेदनशील क्षेत्र भूमिया के पुल पर आरती और अजान एक साथ हुई। जुमे के तनावपूर्ण माहौल में सुबह आरती के साथ ही पास की मस्जिदों में फजर की नमाज हुई। इसके बाद शाम को मगरिब की नमाज के समय भी आरती हुई। हिंदू-मुस्लिम एकता के संगम ने एक सप्ताह से चले आ रहे तनावपूर्ण माहौल को भी खत्म कर दिया।
पिछले शुक्रवार की तस्वीर
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में गत शुक्रवार को आधा शहर जलने लगा था। घंटों तक उपद्रवियों ने आगजनी और पत्थरबाजी की थी। उस दिन भी जुमा था और नमाज के बाद बवालियों ने हिंसा की थी। इस शुक्रवार को लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क था। शहर में पुलिस फोर्स चप्पे-चप्पे पर तैनात थी। संवेदनशील क्षेत्र भूमिया के पुल पर भी तनाव बरकरार था।
एक-दूसरे से अमन बनाए रखने की अपील
इस सबके बीच शुक्रवार सुबह भूमिया मंदिर में आरती हुई तो पास की शाने इलाही और मदरसा मस्जिद में फजर की नमाज हुई। अमन का पैगाम देकर मंदिर और मस्जिद से निकले लोगों ने एक-दूसरे से अमन बनाए रखने की अपील की। इसके बाद दोपहर को भी जुमे की नमाज के बाद शांति बनी रही, क्योंकि गत शुक्रवार को जुमे के बाद ही भूमिया पुल के पास खत्ता रोड पर सबसे अधिक बवाल हुआ था। कई जान भी चली गई थीं, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। नमाज के बाद सबने राहत की सांस ली। वहीं, शाम को मगरिब की नमाज हुई तो भूमिया मंदिर में शाम की आरती। मंदिर-मस्जिद से निकले लोगों के चेहरों पर सुकून था। उन्होंने अमन के दुश्मनों को एकता का पैगाम दिया।
भूमिया के पुल पर भारी फोर्स
गत शुक्रवार को हुए बवाल के बाद भूमिया के पुल पर भारी फोर्स तैनात थी। पुलिस के साथ आरएएफ की कंपनी लगी थी। पिछली बार खत्ता रोड पर शुरू हुए बवाल के बाद जमकर उपद्रव हुआ था। मिश्रित आबादी और संवेदनशील माहौल के बीच सबके मन में डर था। दिन शांतिपूर्ण गुजरने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।
दिया अमन का पैगाम
भूमिया का पुल चौराहा। दोपहर 12 बजकर 58 मिनट पर जिला प्रशासन का काफिला आता है। कार का शीशा खुलते ही डीएम और एडीजी साथ-साथ नजर आते हैं। सुरक्षा में मुस्तैद पुलिस के अधिकारी फौरन पहुंचते हैं। बताते हैं कि यहां सब कुछ सामान्य है। यह सुनते ही दोनों अधिकारी ‘अलर्ट रहो’ कहते हैं। फिर उनका काफिला हापुड़ अड्डे की ओर बढ़ जाता है। भूमिया का पुल चौराहा, वही स्थान है, जहां पिछले शुक्रवार को उपद्रव हुआ था, लेकिन इस शुक्रवार यह इलाका अमन का पैगाम दे रहा था। सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा था। खुद एसपी क्राइम व सीओ चौराहे पर मुस्तैद थे।
RAF के जवान मुस्तैद
आरएएफ के जवान गश्त पर थे। इन सबके बीच लिसाड़ी रोड, खत्ता रोड, ट्यूवबेल तिराहे, गोलाकुंआ, ब्रह्रमपुरी में खुले बाजारों की रौनक यही संदेश दे रही थी कि अब यहां अमन कायम है। भुमिया के पुल पर आम दिनों जैसा वाहनों का शोर गूंज रहा था। बार-बार जाम लगता तो सिविल डिफेंस के लोग या खुद पुलिस के अधिकारी वाहनों को रास्ता दिखाते। ट्यूवबेल तिराहे और भूमिया के पुल चौराहे के बीच खड़े ई-रिक्शा वाले हापुड़ अड्डा-हापुड़ अड्डा कहकर सवारी बुला रहे थे तो फल वालों की दुकानों पर खरीदार मोलतोल करते नजर आए। भूमिया माता मंदिर के गेट पर लगी घड़ी भी बयां कर रही थी कि अब समय बदल चुका है। यहां की फिजा अब अमन-शांति चाहती है।