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मेरठ में रैपिड रेल की वजह से हो रही बिजली कटौती? NCRTC ने बताया महीने में कितना लेते हैं शटडाउन

दिल्ली रोड के आसपास की कालोनियों के लोग जब बिजली से तड़पते हैं तो उन्हें राहत का मरहम इस बहाने का लगाया जाता है कि रैपिड रेल की वजह से शटडाउन लेना पड़ता है। लेकिन अब एनसीआरटीसी ने बताया कि महीने में वे कितना शटडाउन लेते हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 11:32 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 11:32 AM (IST)
मेरठ में रैपिड रेल की वजह से हो रही बिजली कटौती? NCRTC ने बताया महीने में कितना लेते हैं शटडाउन
मेरठ में बिजली की समस्‍या पर निगम की लापरवाही।

जागरण संवाददाता, मेरठ। दिल्ली रोड के आसपास की कालोनियों के लोग जब बिजली से तड़पते हैं तो उन्हें राहत का मरहम इस बहाने का लगाया जाता है कि रैपिड रेल की वजह से शटडाउन लेना पड़ता है। रैपिड रेल चूंकि विकास का प्रोजेक्ट है इसलिए भीषण गर्मी में भी लोगों का दिमाग ठंडा हो जाता है। लेकिन बार-बार रैपिड रेल की वजह से शटडाउन का नाम आने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम एनसीआरटीसी ने शहरवासियों के लिए यह स्पष्ट किया वे कितना शटडाउन लेते हैं।

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एनसीआरटीसी की ओर से दैनिक जागरण को बताया गया कि पिछले दो महीने में सिर्फ दो बार शटडाउन लिया गया है। पिछला शटडाउन 27 जुलाई को लिया गया था जबकि एक शटडाउन उससे पहले किसी और एक दिन का है। यानी इन पूरे दो महीने में जितनी भी समस्या हुई उसमें से दो दिन निकाल दें तो बाकी की समस्या आखिर क्यों ङोलनी पड़ी। 15 मिनट तक बिजली जाने पर ही शहर बेहाल हो उठता है तब ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं सुधारी जा रही है कि फाल्ट का असर दिन भर और पूरी रात न पड़े।

इस काम के लिए एनसीआरटीसी लेता है शटडाउन : मेरठ में मोहिउद्दीनपुर से लेकर परतापुर, बेगमपुल होते हुए मोदीपुरम तक रैपिड रेल का काम चल रहा है। इसके काम की वजह से सड़क का चौड़ीकरण करना पड़ रहा है। बीच सड़क के खंभे हटाने पड़ रहे हैं। किनारे के खंभे या तो हटाने पड़ रहे हैं या फिर उनकी लाइन ऊंची करनी पड़ रही है। कई स्थानों पर ट्रांसफार्मर हटाकर दूसरे स्थान पर स्थापित किया जा रहा है। परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक जितनी भी लाइनें सड़क किनारे थीं उन्हें खंभे से हटाकर भूमिगत केबल के रूप में किया जा रहा है। इन सब कार्यों की वजह से दो से चार घंटे का शटडाउन लेना पड़ता है। मेरठ जिले में बिजली संबंधी 85 फीसद कार्य हो भी चुका है। वर्तमान में जो समस्या फाल्ट की होती है वह भविष्य में बेहद कम हो जाएगी। क्योंकि लाइनें नई की जा रही हैं।

पीवीवीएनएल प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा- रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए दो माह में करीब सात बार एनसीआरटीसी को शटडाउन दिया गया है। माधवपुरम, सोफीपुर, शारदा रोड समेत अन्य बिजलीघरों के अंतर्गत शटडाउन दिया गया है। इससे आपूर्ति प्रभावित हुई है। शटडाउन के अतिरिक्त फाल्ट की वजह से बिजली व्यवधान रोकने की अपने स्तर से पूरी कोशिश कर रहे हैं। चेकिंग अभियान शुरू कराया है।

दर्जनभर मोहल्लों के लोग बिजली-पानी को भी तरसे

बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होते दिखाई नहीं दे रहा है। रोजाना कहीं न कहीं फाल्ट हो रहे हैं। जिससे कई-कई घंटे तक लोगों को भीषण गर्मी में बिना बिजली के रहना पड़ रहा है। मंगलवार को काजीपुर बिजलीघर अंतर्गत लक्खीपुरा समेत करीब दर्जन भर मोहल्ले बिजली-पानी को तरस गए। एसीबी में आए फाल्ट को सुधार कर बिजली आपूर्ति बहाल करने में बिजली महकमे को आठ घंटे लगे।

फीडरों पर मिला अधिक लोड

बिजली आपूर्ति को लेकर मिल रही शिकायतों पर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने मंगलवार को सख्त तेवर दिखाए। सभी अधीक्षण अभियंता, अधिशायी अभियंता और उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रात 10 बजे के बाद बिजलीघरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। प्रबंध निदेशक का निर्देश पर बिजली अफसरों की टीम निकल पड़ीं। अधीक्षण अभियंता शहर विजय पाल ने सदर और रामलीला ग्राउंड बिजलीघर का निरीक्षण किया। रामलीला ग्राउंड अंतर्गत ईरा गार्डन फीडर पर अधिक लोड पाया गया। सदर में भी एक फीडर पर लोड अधिक मिला। वहीं, अधिशासी अभियंता सोनू रस्तोगी ने सिविल लाइंस, सेंट लुक्स और यूनवर्सिटी रोड का निरीक्षण किया। यहां लोड में ज्यादा परिवर्तन नहीं पाया गया। इसी तरह एसडीओ विनय कुमार ने शारदा रोड, मोहकमपुर और अधिशासी अभियंता जागेश कुमार ने माधवपुरम और रामलीला ग्राउंड बिजलीघर का निरीक्षण किया। शारदा रोड बिजलीघर अंतर्गत लोड अधिक पाया गया। सी पाकेट लोहिया नगर बिजलीघर का निरीक्षण अधिशासी अभियंता ग्रामीण प्रथम प्रिंस गौतम ने काजीपुरी एसडीओ के साथ किया। बिजलीघर अंतर्गत लोड बढ़ा होने और फाल्ट अटेंड करने में देरी की बात सामने आयी है। 


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