'भूतों' की तलाश में निकला ऊर्जा निगम
350 करोड़ के कर्जदार हैं 23.12 लाख 'घोस्ट कंज्यूमर'। 14 जनपदों में दिसंबर तक तलाश करने का लक्ष्य।
मेरठ (अनुज शर्मा)। पश्चिमांचल के 23.12 लाख उपभोक्ता ऊर्जा निगम के 350 करोड़ रुपये लेकर गायब हो गए। निगम ने इन 'घोस्ट कंज्यूमर' को तलाशने का बीड़ा उठाया है। एमडी ने मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के अफसरों को दिसंबर तक लक्ष्य हासिल करने का निर्देश दिया है।
तीन मंडलों के चौदह जिलों में बिजली की खुलेआम लूट हुई। 23,12,348 उपभोक्ता 350 करोड़ का बिल डकार गए। अब ये उपभोक्ता गायब हो गए हैं। ऊर्जा निगम ने इन्हें 'घोस्ट कंज्यूमर' घोषित किया है। निगम प्रबंधन को विश्वास है कि बिल हड़पने वालों को निगम के अफसरों का भी संरक्षण है। इसमें भ्रष्टाचार भी खूब हुआ। ये सभी ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने लंबे समय तक बिल अदा नहीं किया। निगम के अफसरों ने इनसे वसूली के बजाए पहले उनका कनेक्शन अस्थाई और बाद में स्थाई रूप से काट दिया। कुछ मामलों में यह कार्रवाई अधर में है।
परिवार के सदस्यों को नया कनेक्शन
निगम के अफसरों ने इसके बाद भी खेल जारी रखा। बिल डकारने वाले 99 फीसद उपभोक्ताओं के घरों में नए सदस्यों के नाम से बिजली कनेक्शन जारी कर दिए गए। अफसरों ने नया कनेक्शन देने से पहले बकाया जमा कराना जरूरी नहीं समझा। मीटर नहीं होने के कारण गांवों में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है।
निगम अफसर तनाव में
गायब उपभोक्ताओं की तलाश, बकाया बिल ठीक करके वसूली के लिए प्रत्येक खंड को मासिक लक्ष्य दिया है। इसकी सघन निगरानी भी होगी। अफसरों की मिलीभगत से ही यह हालात बने हैं। गंभीरता से जांच हुई तो अफसरों की पोल खुलनी तय है। इसलिए अब अफसर तनाव में हैं। सहारनपुर सबसे ऊपर
जनपद 'भूत' उपभोक्ता
मेरठ 2,15,866
बागपत 1,30,117
गाजियाबाद 1,56,044
हापुड़ 1,07,305
बुलंदशहर 1,77,228
मुजफ्फरनगर 2,29,688
शामली 1,23,573
सहारनपुर 3,08,568
नोएडा 90,396
मुरादाबाद 1,44,230
अमरोहा 1,35,066
संभल 82,097
रामपुर 1,22,652
बिजनौर 2,89,514 एमडी पीवीवीएनएल आशुतोष निरंजन ने कहा कि इन हालातों के लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं। 'घोस्ट कंज्यूमर' हर हाल में तलाशने होंगे। प्रत्येक एक्सईएन को दिसंबर तक का लक्ष्य दिया गया है। काश! 'भूतों' की आरसी भेज देता ऊर्जा निगम
मेरठ। प्रदेश में 600 में से 350 करोड़ रुपये का गबन पश्चिम के तीन मंडलों में हुआ। कोढ़ में खाज यह कि निगम अफसरों ने बिल अदा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं की रिकवरी का प्रयास ही नहीं किया। काश इन उपभोक्ताओं से वसूली के लिए तहसील में आरसी भेज दी जाती।
मुख्यालय से हुई गोपनीय जांच में स्पष्ट हुआ कि पश्चिमांचल के मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के चौदह जनपदों के 23.12 लाख उपभोक्ताओं से 350 करोड़ रुपये की वसूली के लिए अफसरों ने कोई प्रयास ही नहीं किया। इक्का-दुक्का मामले अपवाद हैं।
'घोस्ट कंज्यूमर' पर अफसर मेहरबान
ऊर्जा निगम ने गबन करने वाले उपभोक्ताओं को दो श्रेणियों में बांटा है। एक, जिन्होंने लंबे समय तक बिल का भुगतान नहीं किया। अफसरों ने कनेक्शन काटकर उनका मीटर जब्त कर लिया। इनसे रिकवरी का प्रयास किया, लेकिन वसूली नहीं हुई। दूसरी श्रेणी में वे उपभोक्ता हैं, भुगतान नहीं होने पर जिनका कनेक्शन अस्थायी रूप से काटा गया। ऐसे उपभोक्ताओं का ना तो स्थाई रूप से कनेक्शन काटा गया और ना ही उनसे वसूली हुई। यहां हैं सर्वाधिक 'घोस्ट कंज्यूमर'
खंड का नाम कनेक्शन
मुजफ्फरनगर ग्रामीण प्रथम 95,656
सहारनपुर ग्रामीण प्रथम 89,046
धामपुर ग्रामीण द्वितीय 87,912
नजीबाबाद 74,655
गजरौला ग्रामीण प्रथम 74,067
सहारनपुर ग्रामीण द्वितीय 73,633
चांदपुर ग्रामीण प्रथम 69,912
रामपुर ग्रामीण द्वितीय 67,909
मुरादाबाद ग्रामीण द्वितीय 64,543
नकुड़ 61,513
अमरोहा ग्रामीण प्रथम 60,999
खतौली 59,601
शामली द्वितीय 58,732
बिजनौर ग्रामीण प्रथम 57,035
देवबंद 56,112
मेरठ ग्रामीण प्रथम 55,850
रामपुर ग्रामीण प्रथम 54,743
बागपत प्रथम 54,564
मुजफ्फरनगर शहर द्वितीय 51,357
मुरादाबाद ग्रामीण प्रथम 51,186