मेरठ की 21 महिलाओं को मिशन शक्ति पुरस्कार
मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं लेकिन इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए समाज का योगदान भी महत्वपूर्ण है।
मेरठ, जेएनएन। मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए समाज का योगदान भी महत्वपूर्ण है। इस अभियान से सिर्फ महिलाओं का नहीं बल्कि पूरे समाज का विकास हो रहा है। ये बातें मुख्य अतिथि कमिश्नर अनिता सी मेश्राम ने आइआइए द्वारा शुक्रवार को आयोजित मिशन शक्ति पुरस्कार समारोह में कही। समारोह में शहर की 21 महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कमिश्नर ने कहा कि बेटी के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा, शादी और स्वरोजगार तक के लिए सरकारी योजनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि महिलाएं इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने पैरों पर खड़ी हों। महिला के विकास से ही परिवार और समाज का विकास संभव है। सीडीओ ईशा दुहन ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। एक महिला जब काम करती है तो दोहरी जिम्मेदारी के साथ करती है। कार्यक्रम में जिलाधिकारी के. बालाजी, आइआइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज गुप्ता, अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल, उपाध्यक्ष तनुज गुप्ता, अश्विनी गेरा, सचिव अंकित सिंघल, संयुक्त सचिव मंयक गुप्ता और निपुण जैन भी उपस्थित रहे।
हैप्पीनेस करिकुलम से आठ लाख बच्चों के जीवन में आया बदलाव : दिल्ली सरकार के लिए हैप्पीनेस करिकुलम (पाठ्यक्रम) तैयार करने वाली मुग्धा गुप्ता को उनके कार्यो के लिए सम्मानित किया गया। मुग्धा ने 12वीं सोफिया गर्ल्स स्कूल से और परास्नातक दिल्ली विवि के लेडी श्रीराम कालेज से किया। उन्होंने हार्वर्ड विवि से भी परास्नातक किया। हैप्पीनेस करिकुलम अपनी तरह का दुनिया का पहला और सबसे बड़ा पाठ्यक्रम है। यह आठ लाख बच्चों तक पहुंचता है। इसे दिल्ली सरकार के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है। यह कोर्स बच्चों को खुश रखने के लिए तैयार किया गया है। इसमें नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए प्रतिदिन हैप्पीनेस कक्षा होती है। मुग्धा ने बताया कि दिल्ली सरकार के अलावा उत्तराखंड और आंध्रप्रदेश सरकार ने भी इस कोर्स को कुछ स्कूलों में लागू किया है। इसके अलावा मेरठ में कुछ निजी स्कूलों ने इस कोर्स को शुरू किया है। इस कोर्स के बाद बच्चों की स्कूल में उपस्थिति तो बढ़ी ही है, साथ ही बच्चों का पढ़ाई में अब ज्यादा मन लगता है। मुग्धा बताती हैं कि इस समय वह ईशा फाउंडेशन के लिए एमबीए प्रोग्राम तैयार कर रही हैं, जो अध्यात्म से जुड़ा दो साल का प्रोग्राम है। इसमें ध्यान व योग के अलावा कृषि और प्रबंधन की पढ़ाई भी कराई जाएगी। यह प्रोग्राम वर्ष 2022 में बंगलुरु में लांच किया जाएगा।
ये महिलाएं हुई सम्मानित
अनीता सी मेश्राम, कमिश्नर, मेरठ मंडल।
इशा दुहन, मुख्य विकास अधिकारी, मेरठ।
मीनाक्षी गुप्ता, कालीन निर्माण व्यवसाय।
मंजरी गुप्ता, एअर फिल्टर निर्माण व्यवसाय।
उषा महाजन, क्रिकेट उत्पादों की निर्माता।
छवि रस्तोगी, आयुर्वेदिक व एलोपैथिक दवाओं का उत्पादन।
निशा वर्मा, शेफ व इवेट पार्टनर।
डा. आशा आनंद, ललित कला व शिक्षा।
मोनिका कोहली, एक्टर व माडल।
मीना माहेश्वरी, आनंद इंजीनियरिग कंसोर्टियम व रस्टिक डिजाइनर घरेलू सामान व्यवसाय।
गीतिका गुप्ता, शिक्षा।
नुपुर गर्ग, वित्तीय सेवा।
शिवानी गुप्ता, जिपर निर्माण व गारमेट निर्माण व्यवसाय।
पल्लवी जैन, शिक्षा व डिजिटल मार्केटिंग।
पूजा बत्रा, इंटीरियर डिजाइनिंग।
गरिमा अग्रवाल, सीए (चार्टर्ड अकाउंटेट)।
रितिका सिंघल, यू -ट्यूबर व साफ्टवेयर इंजीनियर।
अमृता कुमार, कृषि व्यवसाय।
लवली जैन, टैक्स व जीएसटी आडिट फर्म।
साक्षी जैन, पीपीई किट निर्माण व्यवसाय।
मुग्धा गुप्ता, प्रोग्राम डिजाइनर (हैप्पीनेस करिकुलम)।