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पॉलीथिन का संकट : प्रतिबंध बेअसर, पॉलीथिन के कचरे से अटा शहर Meerut News

शहर में पहले ही पॉलीथिन पर रोक लगा दिया गया है। पर आलम यह है कि अभी तक पॉलीथिन का उपयोग बंद नहीं हुआ है। और न ही अभी तक किसी अधिकारी ने कोई कार्यवाही ही की है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 05:27 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 05:27 PM (IST)
पॉलीथिन का संकट : प्रतिबंध बेअसर, पॉलीथिन के कचरे से अटा शहर Meerut News
पॉलीथिन का संकट : प्रतिबंध बेअसर, पॉलीथिन के कचरे से अटा शहर Meerut News

मेरठ, जेएनएन। शहर में प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग बेखौफ हो रहा है। पाबंदी के बावजूद पॉलीथिन बेची जा रही है। फल-सब्जी बेचने वालों से लेकर दुकानदार खूब प्रयोग कर रहे हैं, जिसके चलते शहर पॉलीथिन कचरे से अट गया है।

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शहर में बढ़ते पॉलीथिन कचरे की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने दो अक्टूबर 2018 को घोषणा की थी कि पॉलीथिन व थर्माकोल के प्रयोग, निर्माण, बिक्री, वितरण, भंडारण, परिवहन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। इसकी अधिसूचना जारी की थी। जिसमें बकायदा प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर एक माह की सजा या न्यूनतम एक हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। दूसरी बार उल्लंघन पर छह माह की जेल या 20 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। तीसरी बार उल्लंघन पर एक साल की जेल या एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।

वहीं, केंद्र सरकार भी पिछले साल सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन उत्पाद के प्रयोग व बिक्री पर प्रतिबंध लगा चुकी है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार का प्रतिबंध मेरठ शहर में बेअसर है।

दो माह से बंद है निगम का अभियान

केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिबंध को प्रभावी बनाने में नगर निगम के अधिकारी तनिक भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। नवंबर के बाद से पॉलीथिन की रोकथाम का अभियान बंद है, जिससे शहर में पॉलीथिन व थर्माकोल उत्पादों की बिक्री, परिवहन और उपयोग बढ़ गया है। इस मामले में प्रवर्तन दल प्रभारी रिटायर्ड कर्नल राजकुमार बालियान का कहना है कि अभियान नगर निगम के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर चलता है। जैसे ही आदेश मिलेगा छापेमारी शुरू करेंगे।

नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने कहा कि प्रतिबंधित पॉलीथिन व सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए चार टीमों का गठन किया गया है। मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में यह अभियान चलेगा। इसकी रूपरेखा तैयार हो रही है। शहर के व्यापारियों व दुकानदारों को पहले ही अवगत कराया जा चुका है। अब कोई समझौता नहीं करेंगे। बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

नाले के कचरे से सीवर सिस्‍टम हो रहा बाधित

मेरठ, जेएनएन। सीवर लाइन से नालों को जोड़ने का मामला प्रकाश में आया है। कई मोहल्लों में सीवर लाइन ब्लॉक होने के मामले भी आने लगे हैं। सीवर ओवरफ्लो की समस्या भी बढ़ गई है। जलकल विभाग ने जो रिपोर्ट नगर निगम अधिकारियों को सौंपी है, उसमें कहा गया है कि समाधान जल्द नहीं किया गया तो सीवर सिस्टम ठप हो जाएगा।

जलकल विभाग के इंजीनियरों ने सूची तैयार की है, जिसमें 50 से अधिक स्थानों पर नालों को सीवर लाइन से जोड़े जाने की आशंका जताई गई है। ये वो स्थान हैं, जहां पर सीवर या तो ओवरफ्लो हो रहा है या फिर सीवर लाइन चोक हो रही हैं। जलकल विभाग की सूची के अनुसार बेगमबाग, तिलक नगर, थापर नगर, छतरी पीर, जलीकोठी, केसरगंज, पटेल नगर, निगार रोड, मिशन कंपाउंड, डीएन चौराहे के समीप, प्रेमपुरी, गुरुद्वारा रोड, दिल्ली रोड पर मयूर होटल की समीप, खैर नगर, बुढ़ाना गेट, नौचंदी, सोतीगंज समेत लगभग 50 स्थानों पर सीवर लाइन से नालों को जोड़ दिया गया है।

सीवर के ओवरफ्लो से लोग परेशान

जलकल विभाग के इंजीनियरों की माने तो जिन क्षेत्रों में नालियों का फ्लो ठीक नही था या डैमेज हो गई थी। उन नालियों को सीधे सीवर लाइन में जोड़ दिया गया। नाले का कचरा, गोबर और पॉलीथिन सबकुछ सीवर लाइन में समा रही है, जिससे लाइनें चोक होकर ओवर फ्लो हो रही हैं।


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