Pollution News: मेरठ में वायु प्रदूषण को लगा हल्का विराम,एक्यूआइ भी पहुंचा 300 के नीचे
Pollution News मेरठ में यह राहत की बात रही कि दिन में बही साफ हवा। प्रदूषण का प्रकोप कुछ कम होता नजर आया है। लेकिन वहीं दूसरी ओर हालांकि विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि प्रदूषण का स्तर किसी भी वक्त फिर बढ़ सकता है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Pollution News एनसीआर-मेरठ में माहभर से बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर हल्का विराम लगा है। सप्ताहभर पहले जहां पल्लवपुरम, जयभीमनगर एवं गंगानगर का एक्यूआइ 400 अंकों तक पहुंच रहा था, वहीं गोता लगाकर तीन सौ के नीचे आ गया। हालांकि विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि प्रदूषण का स्तर किसी भी वक्त फिर बढ़ सकता है। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। घर से बाहर मास्क पहनकर ही निकलें।
यह बने रहे हालात
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को मेरठ में दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक हवा कुछ हद तक साफ बही, लेकिन रात में पारा गिरने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढऩे लगा। रात दस बजे की रिपोर्ट के मुताबिक गंगानगर में एक्यूआइ 243, जयभीमनगर में 63 अंकों की गिरावट के साथ 253, और पल्लवपुरम में 29 अंकों की गिरावट के साथ 302 दर्ज किया गया। बोर्ड के डा. योंगेंद्र ने बताया कि वायु प्रदूषण की कई वजहें हैं। औद्योगिक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। शहर की कई सड़कों पर धूल रोकने के लिए छिड़काव किया जा रहा है।
सेहत को भी खतरा
हवा में धूलकणों के साथ निकिल, पारा, क्रोमियम एवं मालिब्डेनम जैसी भारी धातुएं भी तैर रही हैं, जिससे हार्ट अटैक से लेकर कैंसर तक का खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि तीन माह तक फेफड़ों को प्रदूषित हवा में घुटना होगा, जो बेहद खतरनाक है। कई मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस तक मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर मेरठ में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. विनीत बंसल का कहना है कि वायु प्रदूषण में कई प्रकार के विषाक्त कण होते हैं, जिससे दिल की नसों को नुकसान पहुंचता है। सर्दियों में रक्त गाढ़ा होने एवं वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक भी ज्यादा होता है। फेफड़ों के मरीजों के दिल पर लोड पड़ता है। धुंधभरी हवा में एक्सरसाइज न करें।