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प्रदेश में 24 बार मिल चुका है पोलियो वायरस टाइप-2

पोलियो वायरस टाइप टू उत्तर प्रदेश में 24 बार मिल चुका है। प्रदूषित वैक्सीन मेरठ में करीब बीस हजार बच्चों को पिलाई जा चुकी है।

By Ashu SinghEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 02:07 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 03:51 PM (IST)
प्रदेश में 24 बार मिल चुका है पोलियो वायरस टाइप-2
प्रदेश में 24 बार मिल चुका है पोलियो वायरस टाइप-2

मेरठ [संतोष शुक्ल]। पोलियोमुक्त भारत की राह में एक बार फिर वायरस ताल ठोंककर खड़ा है। 1999 में टाइप-2 खत्म होने के बाद भी यह वायरस उत्तर प्रदेश में दर्जनों सैंपल में मिला है।

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अब ओरल वैक्सीन में वायरस मिलने से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। भले ही वैक्सीन का वायरस कमजोर होता है, किंतु चिकित्सक भी अन्य संक्रमण की आशंका जता चुके हैं। इधर, प्रदूषित वैक्सीन मेरठ में करीब 20 हजार बच्चों को पिलाई जा चुकी है।

वायरस खत्म था तो कहां से पहुंचा
गाजियाबाद स्थित कंपनी में तैयार वैक्सीन में टाइप-2 वायरस मिलने से चिकित्सा जगत में हड़कंप है। 1999 में अंतिम बार टाइप-2 वायरस से संक्रमित मरीज मिला, किंतु सुरक्षा के तौर पर इसकी वैक्सीन-'ट्राइवैलेंट' 2015 तक पिलाई गई। इसी बीच अभियान में पोलियो का इंजेक्शन भी शामिल किया गया। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर 2016 में नई वैक्सीन से टाइप-2 हटाकर सिर्फ टाइप-1 और टाइप-3 वायरस शामिल किया गया। मेरठ समेत देशभर के सभी लैबों, कोल्ट स्टोरों, एवं क्लीनिकों में टाइप-2 खोजकर उसे नष्ट कर दिया गया। विशेषज्ञों ने दावा किया कि दुनिया के 154 देशों से टाइप-2 वायरस खत्म हो गया है। ऐसे में वैक्सीन में इस वायरस के संक्रमण से नया खतरा पैदा हो गया।
यूपी सावधान...
भारत में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक रिस्क जोन में रहा है। पश्चिमी उप्र में घनी आबादी की वजह से यह बीमारी तेजी से फैली थी। पोलियो की वैक्सीन पिलाने के साथ ही संदिग्ध लक्षण वाले बच्चों का स्टूल टेस्ट भी किया जाता है। इसे एक्यूट फ्लेसिड पैरालाइसिस कहते हैं। 2009 में सर्वाधिक 17 बच्चों के स्टूल में वैक्सीन वाला पोलियो वायरस मिला।
मेरठ में 20 हजार बच्चों को संक्रमित खुराक
मेरठ में बायोमेड कंपनी की 3200 वायल थी, जिसमें से 1500 वायल का प्रयोग किया जा चुका था। हर वायल में करीब 20 डोज होती है, ऐसे में 25 हजार से ज्यादा बच्चों को संक्रमित वैक्सीन पिला दी गई। हालांकि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. विश्वास चौधरी का कहना है कि इससे संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। वैक्सीन का वायरस बेहद कमजोर है।

विशेषज्ञों की राय...कोई खतरा नहीं
वैक्सीन में बेहद कमजोर वायरस डाले जाते हैं, जो सिर्फ रोग के प्रति एंटीबॉडी बना सकते हैं। जिन बच्चों ने वैक्सीन पी लिया है, उनमें भी संक्रमण का कोई चांस नहीं। यह सिर्फ व्यवस्था फेल्योर है।
-डा. उमंग अरोड़ा, बाल रोग विशेषज्ञ
संक्रमित वैक्सीन से बच्चों को पोलियो कदापि नहीं होगा। यह सिर्फ अफवाह है। टाइप-2 वायरस वाली वैक्सीन बच्चों को लंबे समय तक पिलाई गई। यह संक्रमण करने की क्षमता नहीं रखता।
-डा. शिशिर जैन, बाल रोग विशेषज्ञ, अध्यक्ष आइएमए


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