जानिए चुनाव ड्यूटी से किनारा करने को पुलिसकर्मियों ने किस-किस को किया बीमार
मुजफ्फरनगर में चुनावी माहौल में सियासी दल अपने-अपने गुणाभाग में लगे हैं जबकि सरकारी अमला भी अपने काम में जुटा है। एक-एक अधिकारी और कर्मचारी को चुनावी ड्यूटी में शामिल किया जा रहा है। उधर सिपाहियों ने चुनावी ड्यूटी से बचने को नए-नए बहाने बनाने शुरू कर दिए हैं।
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। शुक्रवार से नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो रही है। इसके साथ ही सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के कामकाज में भी परिवर्तन हो गया है। सरकारी अमले की भागदौड़ मतदान तक जारी रहेगी। इसके लिए पुलिस महकमा अधिक व्यस्त हो गया है। खतौली थाने में सिपाहियों ने चुनावी ड्यूटी से मुंह मोडऩा शुरू कर दिया। ड्यूटी से किनारा करने के लिए मां-बाप और दादी के बीमार होने का बहाना बनाया है। एक साथ दर्जनभर अर्जियां आने पर कोतवाल ने जांच बैठाई है।
सरकारी अमला भागदौड़ में जुटा
चुनावी माहौल में सियासी दल अपने गुणाभाग में लगा है, जबकि सरकारी अमला अपनी भागदौड़ में जुट गया है। एक-एक अधिकारी और कर्मचारी के साथ विभाग को चुनावी ड्यूटी में शामिल किया जा रहा है। कर्मचारियों को बूथ के हिसाब से तैयारियां पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस महकमा भी गुंडा तत्वों पर नकेल कसने, बूथों की सुरक्षा के साथ शस्त्र लाइसेंस जमा कराने, गांव-गांव बैठक चुनावी तैयारियों को मथ रहा है। गुरुवार को खतौली थाने में अजीब तरह से छुट्टियों के प्रार्थना आए है। नई भर्ती के बाद ड्यूटी पर पहुंचने वाले आरक्षियों ने चुनावी ड्यूटी से मुंह तोड़कर नदारद रहने की तरकीब निकाली है। एक-एक कर लगभग 15 से अधिक प्रार्थना आएं। जिनमें 12 से अधिक आरक्षी ने मां, पिता और दादी के अचानक बीमार होने का हवाला दिया है। इसको लेकर प्रभारी निरीक्षक ने तत्काल मामले पर जांच बैठाई है। आरक्षियों के वर्तमान पते के आधार पर उनके प्रार्थना पत्र की सच्चाई की पड़ताल कराई जा रही है। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि छुट्टियों पर चुनाव के कारण रोक लगी है। आरक्षियों द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्रों की जांच के बाद कार्रवाई होगी।