बिजनौर : पुलिस अफसर डा. गणोश कुमार निभा रहे डाक्टर की भूमिका, कोरोना संक्रमितों का कर रहे इलाज
पुलिस अफसर डा. गणोश कुमार गुप्ता का कहना है कि एमबीबीएस होने के कारण एसपी ने विभागीय कार्य के साथ-साथ यह अहम जिम्मेदारी भी सौंपी है। वे संक्रमित मरीजों से फोन से जरूरी सलाह देतें हैं मानसिक तौर पर मजबूत बनाने के साथ ही जरुरी दवाओं की जानकारी देते हैं।
[बिरेंद्र देशवाल] बिजनौर। तालीम कभी बेकार नहीं जाती। हुनरमंदी जीवन में कब और कहा काम आ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। जिम्मा तो उनका अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने का है लेकिन जुटे हैं कोरोना की नकेल कसने में। ये हैं अंडर ट्रेनिंग सीओ डा. गणोश कुमार गुप्ता। दरअसल, गणोश एमबीबीएस भी हैं, लिहाजा विपदा की इस घड़ी में फिलवक्त वह संक्रमित पुलिसकर्मियों के लिए डाक्टर की भूमिका में भी हैं। सीओ डा. गणोश कुमार गुप्ता का कहना है कि एमबीबीएस होने के कारण एसपी ने विभागीय कार्य के साथ-साथ यह अहम जिम्मेदारी भी सौंपी है। संक्रमित मरीजों को दवाओं के साथ-साथ उनका मानसिक स्तर मजबूत करने की भी आवश्यकता होती है। मुङो खुशी है कि मैं अपनी शिक्षा का इस्तेमाल विभाग के लिए कर रहा हूं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद लौटे 140 पुलिसकर्मी फिलहाल कोरोना संक्रमित हैं। पुलिस लाइन और थानों में बने आइसोलेशन वार्ड में उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। विभाग के अंडर ट्रेनी सीओ डा. गणोश कुमार गुप्ता संक्रमित पुलिसकर्मियों के बड़े मददगार बने हैं। उनके पास शहर कोतवाली की जिम्मेदारी है। एक सप्ताह से सीओ सिटी के संक्रमित होने के कारण वह सर्किल का काम भी देख रहे हैं।
दरअसल, डा. गणोश कुमार गुप्ता की शैक्षिक योग्यता एमबीबीएस है। सीओ रोजाना सुबह-शाम सभी पीड़ित पुलिसकर्मियों से मोबाइल पर बातचीत कर उनकी मानसिक जांच करते हैं। उनका मनोबल बढ़ाते हैं। दवाओं और खान-पान की भी सलाह देते हैं। आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण कर मरीजों के आक्सीजन लेवल, बीपी और पल्स की जांच करते हैं। उनके मोबाइल पर फोन करके संक्रमित पुलिसकर्मी सलाह लेते रहते हैं।
एसपी डा. धर्मवीर सिंह ने कहा- डा. गणोश जनपद में ट्रेनिंग कर रहे हैं। वह वर्षों मेडिकल पेशे से भी जुड़े रहे। उनकी काबलियत को देखते हुए उन्हें पुलिसिंग कार्य के साथ-साथ संक्रमित पुलिसकर्मियों की देखभाल में लगाया है। विभाग ने खुद ही सामान्य मेडिकल संसाधन जुटा लिए हैं।