Move to Jagran APP

पुलिस ने मृतक को ही चश्मदीद बना दर्ज किए बयान

मेरठ पुलिस की एक और करतूत उजागर हुई। 15 साल पहले मरा व्यक्ति पुलिस ने चश्मदीद गवाह बना डाला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 05:11 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 05:11 PM (IST)
पुलिस ने मृतक को ही चश्मदीद बना दर्ज किए बयान
पुलिस ने मृतक को ही चश्मदीद बना दर्ज किए बयान

मेरठ। अपनी करतूतों से महकमे की फजीहत कराने वाली मेरठ पुलिस का नया कारनामा उजागर हुआ है। 15 साल पहले मरा व्यक्ति पुलिस ने चश्मदीद गवाह बना डाला। उसके बयान दर्ज किए। पुलिस को वह खाना खाता हुआ मिला। इसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट कोर्ट में भी दाखिल कर दी। आरोपित पक्ष ने कोर्ट से गवाहों के नाम निकलवाए तो पुलिस की मनमानी का पता चला। हैरतजनक बात यह है कि पुलिस के आला अधिकारी अभी भी कार्रवाई के बजाए परदा डालने में जुटे हैं। गत 12 जुलाई को नई बस्ती मवाना रोड किठौर निवासी फरमान व खिलाफत के बीच झगड़ा हुआ था। फरमान ने खिलाफत, सलीम, अजीम, नईम और तीन-चार अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। फरमान ने इमरान उसके पिता महफूज, सरताज को गवाह दर्शाया। अपराध संख्या 348/18 की विवेचना दारोगा विमल कुमार को दी गई। 14 जुलाई को दारोगा ने महफूज आदि की गवाही भी दर्ज कर ली। अदालत में दारोगा ने मुकदमे के कागजात दाखिल किए। अहम बात यह है कि महफूज की वर्ष 2003 में ही मौत हो चुकी है। दूसरे पक्ष ने गवाहों की सूची निकलवाई तो मामले का पता चला। इसके बाद दूसरे पक्ष ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

loksabha election banner

यह दर्ज की मृतक की गवाही

दारोगा ने गवाह महफूज (मृतक)की ओर से लिखा है कि 12 जुलाई को वह अपने घर पर बैठा खाना खा रहा था। उसी समय कई लोग हाथों में डंडे व धारदार हथियार लेकर आए और फरमान आदि पर हमला बोल दिया। यह सब मैंने अपनी आंखों से देखा है।

दूसरा पक्ष रिपोर्ट दर्ज कराने को भटक रहा

दूसरे पक्ष का आरोप है कि फरमान आदि उनके घर में घुस आए। उन्होंने घर की महिलाओं से अभद्रता की और विरोध करने पर फाय¨रग की। एसपी देहात ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश कर दिए। इसके बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।

एसपी देहात राजेश कुमार का कहना है कि विवेचक के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। मृतक के बयान कैसे दर्ज कर लिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद दारोगा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए एसएसपी को लिखा जाएगा

पूर्व चेयरमैन मतलूब गौड़ का कहना है कि महफूज को मरे हुए 15 साल बीत गए। महफूज को जानलेवा हमले के मुकदमे में गवाह बनाया गया है। दूसरा पक्ष मेरे पास आया था। मैंने पैरवी भी की है। इसके बावजूद पुलिस कार्रवाई को तैयार नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.