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बागपत में पुलिस की गोतस्‍करों से मुठभेड़, गोली लगने से एक घायल, साथी हुआ फरार

बागपत के जिवाना दरकावदा चौरहा के पास मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस की शातिर गोकश के साथ मुठभेड़ हो गईं। जिसमें पुलिस की गोली लगने से शातिर गोतस्कर आजाद पुत्र दिलशाद निवासी डूंगर थाना रोहटा मेरठ हाल निवासी बड़का घायल हो गया।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 10:00 AM (IST)
बागपत में पुलिस की गोतस्‍करों से मुठभेड़, गोली लगने से एक घायल, साथी हुआ फरार
बागपत में गोतस्‍करों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई।

बागपत, जेएनएन। वेस्‍ट यूपी में गोतस्‍करों का जाल तेजी से फैल रहे है। आए दिन बढ़ी संख्‍या में गोतस्‍करों के मामले सामने आ रहे हैं। यहां बागपत जिले के बिनौली में जिवाना दरकावदा चौराहे पर गुरुवार सुबह गोतस्करों के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुईं। जिसमे पुलिस की गोली लगने से एक गोतस्कर घायल हो गया। इस दौरान उसका दूसरा साथी फरार हो गया।

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मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस

जिवाना दरकावदा चौरहा के पास मुखबिर की सूचना पर पहुंची पुलिस की शातिर गोकश के साथ मुठभेड़ हो गईं। जिसमें पुलिस की गोली लगने से शातिर गोतस्कर आजाद पुत्र दिलशाद निवासी डूंगर थाना रोहटा मेरठ हाल निवासी बड़का घायल हो गया। घायल को इलाज के लिए सीएचसी पर भर्ती कराया। इस दौरान आरोपित का एक साथी मौके से फरार हो गया।

आरोपितों से यह मिला पुलिस को

आरोपित के कब्जे से एक 315 बोर का तमंचा मय जिन्दा व खोखा कारतूस, एक छुरा व एक रस्सा भी बरामद हुआ। इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित गोवध अधिनियम के एक मामले में वांछित चल रहा था। दूसरे जनपद से भी इसका आपराधिक इतिहास पता लगाया जा रहा है।

तीन गोवंश कमरे में किए बंद किए, दर्दनाक मौत

बागपत के रमाला में कंडेरा गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ असामाजिक तत्वों ने सड़कों पर घूमने वाले तीन गोवंश को एक कमरे में बंद कर दिया और उसका बाहर से ताला लगा दिया, जिसके बाद तीनों गोवंश की मौत हो गई। लोगों ने पता चलने पर कमरे की दीवार तोड़कर तीनों के शवों को बाहर निकाला और दफना दिया। कंडेरा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित है, जिसमें एक कमरा भी बना हुआ है। असामाजिक तत्वों ने कई दिन पहले इस कमरे में तीन गोवंश को बंद कर दरवाजे का ताला लगा दिया। पीएचसी में यह कमरा कुछ अलग हटकर है, इसलिए इनका किसी को भी पता नहीं चला।

आती रही बदबू

लिहाजा तीनों गोवंश की दम घुटने व भूखा रहने से तड़प तड़प कर मौत हो गई। यहां से बदबू निकलनी शुरू हुई, तो शक होने पर लोग पीएचसी में बने कमरे के पास पहुंचे और खिड़की में झांककर देखा तो तीन गोवंश मरे पड़े हैं। मंगलवार देर शाम को लोगों ने कमरे की दीवार को तीनों गोवंश के शवों को बाहर निकाला, चूंकि वे दरवाजे से नहीं निकल पा रहे थे। तीनों गोवंश के शवों को जमीन में दफना दिया। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। लोगों ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों से जांच कर कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र ने बताया कि जिसने भी यह काम किया है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। सीओ आलोक ङ्क्षसह ने बताया कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे लोगों का पता लगाकर कार्रवाई करे।


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