किसान को उचित दाम और उत्पाद बेचने के लिए प्लेटफार्म की जरूरत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कृषि व्यवस्था को उबारने के लिए एक लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की। उन्होंने मछली पालन डेयरी उद्योग मत्स्य पालन हर्बल खेती व पशुपालन में पैकेज का इस्तेमाल करते हुए पैकेज की विस्तार से जानकारी दी।
मेरठ, जेएनएन। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कृषि व्यवस्था को उबारने के लिए एक लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की। उन्होंने मछली पालन, डेयरी उद्योग, मत्स्य पालन, हर्बल खेती व पशुपालन में पैकेज का इस्तेमाल करते हुए पैकेज की विस्तार से जानकारी दी। हालांकि किसानों व किसान संगठनों की राय इसके बिल्कुल उलट है। उन्होंने वित्तमंत्री की घोषणा से असहमति जता दी है। प्रगतिशील किसानों व संगठनों का साफ कहना है कि किसान पहले से ही क्रेडिट कार्ड आदि कर्जो में दबा है। उसे कर्ज की नहीं, बल्कि उसके उत्पाद के सही दाम व बेचने के लिए उचित प्लेटफार्म की आवश्यकता है। फूलों की खेती करने वाले प्रगतिशील किसान प्रद्युम्न चौधरी का कहना है कि किसान पहले से ही क्रेडिट कार्ड के कर्ज में दबा हुआ है। इसका वह भुगतान नहीं कर सका। इस स्थिति में बैंक कर्जा बढ़ाकर किसानों की रीढ़ तोड़ देंगे। बैंक के बजाय किसान को सोसायटी, पंचायत या तहसील स्तर पर टीम गठित कर आíथक सहायता दी जाए।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह का कहना है कि आíथक सहायता देने का नाम पर किसानों के साथ धोखा हुआ है। किसानों को उद्योग लगाने के नाम पर कर्जदार बनाने की तैयारी की जा रही है। किसान की हालत पहले से ही खराब है। भाकियू इस मामले को लेकर आंदोलन की तैयारी करेगा। केंचुआ खाद तैयार करने वाले किसान अमित त्यागी का कहना है कि किसान की क्रेडिट लिमिट बढ़ाने और उसे कर्ज पर कर्ज देने से उसकी समस्या का समाधान नहीं होगा। किसान की पैदावार को प्लेटफार्म व उसे सही दाम मिले। सरकार को इस दिशा में सार्थक प्रयास करना होगा, वर्ना किसान बर्बाद हो जाएगा। ऑर्गेनिक प्रोडक्ट और दूध के व्यापार से जुड़े अरनावली निवासी किसान मनीष भारती का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों की तकलीफ को लेकर पूरी तरह से दिशाहीन है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहायता देने की जगह उसकी कृषि भूमि लेने की तैयारी की जा रही है। इस पैकेज से किसान की आमदनी दोगुनी नहीं, बल्कि आधी रह जाएगी। आर्थिक पैकेज की भाजपा ने की सराहना
मेरठ : भाजपा के पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अश्वनी त्यागी ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जो घोषणाएं की हैं, उससे देश के किसानों व कामगारों को लाभ होगा। 20 लाख करोड़ आर्थिक पैकेज में वित्तमंत्री ने रेहड़ी, खोमचे लगाने वालों और सीमांत किसानों के आर्थिक हितों का बखूबी ध्यान रखा है। कोरोना काल में सरकार की 'एक देश एक राशन कार्ड' की पहल साकार हुई। इससे प्रवासी कामगारों को राशन सुलभता से मिल सकेगा। उन्होंने सरकार के अन्य फैसलों की भी सराहना की। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई ने भी आर्थिक पैकेज को कामगारों व छोटे किसानों को समर्पित बताया। उन्होंने भी कहा कि इससे प्रवासी कामगारों कि बेपटरी होती जिंदगी को सहारा मिलेगा।