मेरठ: कंकरखेड़ा के लोगों को कोरोना की तरह डेंगू से भी लग रहा खतरा, सफाई व्यवस्था सिफर
कंकरखेड़ा क्षेत्र के लोगों को कोरोना की तरह अब डेंगू से भी डर सता रहा है। एक दर्जन से अधिक लोग अब तक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं सफाई व्यवस्था सिफर। लोग बोले फागिंग व एंटी लार्बा का भी नहीं हुआ छिड़काव नालियां गंदगी से अटी पड़ी।
मेरठ, जेएनएन। कंकरखेड़ा क्षेत्र के लोगों को कोरोना की तरह अब डेंगू से भी डर सता रहा है। अलग-अलग क्षेत्र में अब तक एक दर्जन से अधिक डेंगू के मरीज पाए गए हैं। मगर, इन क्षेत्रों में फागिंग और एंट्री लार्बा का छिड़काव तक नहीं किया गया है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। नालियां गंदगी से अटी पड़ी हैं, जिसमें मच्छर पैदा हो गए हैं। लोगों को डेंगू की बीमारी फैलाने का भी खतरा मंडरा रहा है। कई बार स्थानीय पार्षद समेत नगर निगम में भी गंदगी की सफाई और फागिंग व एंटी लार्बा का छिड़काव कराने की मांग की, मगर कुछ नहीं हुआ। कंकरखेड़ा की यूरोपियन स्टेट कालोनी, जस्सू मौहल्ला, सिल्वर सिटी कालोनी, मेहंदी मौहल्ला, दायमपुर समेत अन्य कई जगहों पर डेंगू के मरीज पाए गए हैं। इनके अलावा काफी लोगों को सामान्य बुखार भी है। लोगों को कोरोना की तरह डेंगू से भी डर सता रहा है। शाम होने पर लोग अपने बच्चों को घर के बाहर खेलने तक नहीं भेजते। बच्चे और बड़े पेंट, मौजे व फुल बाजू की कमीज पहनकर ही घर पर रहने के साथ बाहर निकलते हैं। मेहंदगी मौहल्ला निवासी करन वर्मा, राहुल और सुखपाल निम्मी का कहना है कि क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। सफाई कर्मी तक नहीं आते। ऐसे में सुबह के समय लोगों को ही अपने घर के सामने और पास की नालियों की सफाई करनी पड़ती है। जहां हैंडपंप से लोग पीने का पानी लेने पहुंचते हैं, वहां भी गंदगी फैली है। यहीं स्थिति अन्य जगहों की भी है। लापरवाही बरतने पर नगर निगम के अधिकारियों और स्थानीय पार्षद के प्रति भी लोगों में रोष है।
लोग बोले...
अधिकांश जगहों पर गलियों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। नालियां चोक हैं और गंदगी भरी है। डेंगू से बचाव तो दूर, गंदगी होने से मच्छर पैदा हो रहे हैं। कोरोना की तरह अब डेंगू से भी डर सता रहा है। करन वर्मा।
सरकारी हैंडपंप से लोग पीने के लिए पानी लेते हैं। हैंडपंप क्षतिग्रस्त है। साथ ही हैंडपंप के आसपास गंदगी फैली रहती है, कई बार कहा, मगर सफाई नहीं हुई। राहुल।
क्षेत्र में पशुओं की डेयरी है, जिस वजह से गोबर नालियों में बहता है। नाली चोक होने से पानी ठहरता है और मच्छर पैदा होते हैं। एक बार भी फागिंग व एंटी लार्बा का छिड़काव तक नहीं हुआ। सुखपाल निम्मी।