मध्य व पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बसों से जा रहे हैं यात्री
रोडवेज बसों के संचालन से जीवनचर्या फिर से पटरी पर लौटने लगी है। शहर में फंसे और काम धंधे के सिलसिले में दूसरे शहरों में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। बसों के मौजूदा रुझान से पता चल जाता है कि आसपास के शहरों की बजाए मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहरों के लिए लोग ज्यादा निकल रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। रोडवेज बसों के संचालन से जीवनचर्या फिर से पटरी पर लौटने लगी है। शहर में फंसे और काम धंधे के सिलसिले में दूसरे शहरों में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। बसों के मौजूदा रुझान से पता चल जाता है कि आसपास के शहरों की बजाए मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहरों के लिए लोग ज्यादा निकल रहे हैं। भैंसाली की तुलना में सोहराब गेट से जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक है। यहां से लखनऊ और गोरखपुर के लिए अतिरक्त बसें संचालित करनी पड़ रही हैं।
बताते चलें, सोहराब गेट बस डिपो से आगरा और बरेली रूट की बसें जाती हैं, जबकि भैसाली बस अड्डे से गाजियाबाद, दिल्ली और मुजफ्फरनगर देहरादून रूट की बसें संचालित होती हैं। बुधवार को भैसाली डिपो से मुजफ्फरनगर को छोड़कर अन्य रूटों पर यात्रियों की संख्या काफी कम रही है।
सोहराब गेट डिपो के स्टेशन इंचार्ज गणपत त्यागी ने बताया कि आगरा और बुलंदशहर के लिए शाम चार बजे तक 18 बसें गई थी। अड्डे पर आने वाले यात्रियों की थर्मल स्केनिग के पश्चात ही बसों में बैठाया जा रहा है। बस अड्डे पर हाथों के सैनिटाइजेशन के लिए ऑटोमेटिक डिस्पेंसिग मशीन भी लगाई गई है। स्टेशन अधीक्षक मदनपाल सिंह ने बताया कि 58 बसों में 1145 यात्री बुधवार को गए, जिसमें 15 बसें लखनऊ और गोरखपुर के लिए थी।
जनशताब्दी से दिल्ली गए 93 यात्री
जागरण संवाददाता, मेरठ : जनशताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली जाने वाले यात्रियों की संख्या बुधवार को खासी अधिक रही। सामान्य परिस्थितियों में ट्रेन से 25 से 30 कंफर्म आरक्षण वाले यात्री जाते हैं। बुधवार को 93 यात्री दिल्ली के लिए गए। तीन यात्री ऐसे भी थे जिनके टिकट वेटिग के थे, लेकिन वह ट्रेन पर बैठने के लिए अड़े रहे। आरपीएफ की मदद से मुख्य टिकट निरीक्षक वीरेंद्र सिंह और सहायक शरद ठाकुर ने बाहर किया। कैंट स्टेशन के अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि रात 9.15 बजे गोल्डन टेंपल प्लेटफार्म नंबर तीन पर आई। सात यात्री ट्रेन पर बैठे।