परविंद्र कर रहा था मनमानी, इसलिए मौत के घाट उतारा
दौराला क्षेत्र में नौ सितंबर 2020 को हुआ परविद्र हत्याकांड एक बार फिर कागजों से बाहर आया है। पुलिस ने हत्याकांड की साजिश रचने के आरोपित रोहित और सुखदीप के बयान दर्ज किए।
मेरठ, जेएनएन। दौराला क्षेत्र में नौ सितंबर 2020 को हुआ परविद्र हत्याकांड एक बार फिर कागजों से बाहर आया है। पुलिस ने हत्याकांड की साजिश रचने के आरोपित रोहित और सुखदीप के बयान दर्ज किए। रोहित दिल्ली की तिहाड़ और सुखदीप पटियाला जेल में बंद है। दोनों बदमाशों ने कहा है कि परविद्र ने हमारी बात नहीं मानी और अपनी मर्जी करता था, इसलिए उसको मौत के घाट उतारा गया।
दौराला थाना क्षेत्र के गांव सकौती निवासी परविद्र पहलवान नगर निगम में ठेकेदार के साथ मिलकर काम करते थे। नौ सितंबर 2020 की सुबह परविद्र अपने गांव से नंगलीतीर्थ गांव की सड़क पर दौड़ लगा रहे थे। तभी बाइक सवार दो बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर परविद्र की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में स्वजन ने अज्ञात में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना आगे बढ़ाई तो नगर निगम की ठेकेदारी से लेकर अन्य कई मामलों को लेकर हत्याकांड का होना पाया गया। इसके बाद पुलिस ने शिवा और अजय गोल्डी को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने परविद्र पर गोलियां बरसाई थीं। इन दोनों से पूछताछ होने पर पुलिस ने अमित, विनय और भोले शंकर को भी धर दबोचा, जिन्होंने हत्याकांड का षड्यंत्र रचा था। इन पांचों बदमाशों को पुलिस ने जेल भेज दिया। मगर, हत्याकांड के दो आरोपित सुखदीप उर्फ टोपी और रोहित फरार थे। सुखदीप पर पटियाला और रोहित पर दिल्ली में भी पहले से केस दर्ज थे। वहां की पुलिस इन्हें तलाश कर रही थी। पटियाला पुलिस ने सुखदीप को और दिल्ली पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार कर लिया था।
इंस्पेक्टर दौराला नरेंद्र शर्मा ने बताया कि कोर्ट से अनुमति मिलने पर जेल पहुंचकर दोनों आरोपितों के बयान दर्ज किए हैं। दोनों ने बात नहीं मानने पर परविंद्र हत्याकांड को अंजाम देना बताया।