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हर टैलेंट को राष्ट्रीय मंच देगी पैरालंपिक कमेटी, नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप के बाद शुरू होगी तैयारी

नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप के बाद शुरू होगा जिलों में संघ बनाने का सिलसिला। सीधे जिला स्तर से अच्छे खिलाड़ियों का चयन करने उन्हें प्रशिक्षण का हिस्सा बनाने और उनके टैलेंट को निखार कर प्रदेश व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा दिलाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 05:00 PM (IST)
हर टैलेंट को राष्ट्रीय मंच देगी पैरालंपिक कमेटी, नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप के बाद शुरू होगी तैयारी
अब बनेगा जिला स्तरीय पैरालंपिक संघ ।

मेरठ, [अमित तिवारी]। एथलेटिक फेडरेशन आफ इंडिया की तर्ज पर पैरालंपिक कमेटी आफ इंडिया भी अब जिला स्तरीय पैरालंपिक संघ बनाने जा रहा है। सीधे जिला स्तर से अच्छे खिलाड़ियों का चयन करने, उन्हें प्रशिक्षण का हिस्सा बनाने और उनके टैलेंट को निखार कर प्रदेश व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा दिलाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। चेन्नई में 24 से 26 मार्च तक होने जा रहे नेशनल पैरा एथलेटिक चैंपियनशिप होने के बाद राष्ट्रीय कमेटी जिला स्तरीय मुहिम को आगे बढ़ाएगी। इससे पहले मेरठ सहित विभिन्न जिलों में वरिष्ठ पैरा खिलाड़ियों और पैरा खेलों से जुड़े लोगों को जिला स्तरीय समिति के गठन की तैयारियों को आगे बढ़ाने को कहा गया है।

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पहले चयन, फिर चुनाव

विभिन्न जिलों में पहले खेल से जुड़े और पैरा खेलों में रुचि रखने वालों को जोड़ा जा रहा है। यदि किसी जिले में किसी एक के नाम पर संयुक्त सहमति बनती हैं तो उन्हें उस जिला संघ की जिम्मेदारी दी जाएगी। एक से अधिक दावेदार होने से चुनाव कराकर भी संघ का गठन किया जा सकता है। सभी जिला संघ को पंजीकृत कराने के बाद जिले की गतिविधियों को शुरू किया जाएगा। इसमें सबसे पहले हर पैरा खिलाड़ी को संगठन के दायरे में लाकर उनका पंजीकरण होगा। उसके बाद पैरा खेल व खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए संबंधित सभी जानकारी व प्रतिभागिता संघ के जरिए ही होगी।

हर जिले को जोड़ने की होगी कोशिश

पीसीआइ यानी पैरालंपिक कमेटी आफ इंडिया के सदस्य विकास मलिक के अनुसार राष्ट्रीय समिति के सक्रिय होने के बाद प्रदेश स्तरीय समितियों को मान्यता दी गई है। अब नेशनल चैंपियनशिप के बाद जिला स्तर पर संगठन बनाए जाएंगे। पूरी व्यवस्था एएफआइ की तर्ज पर ही करने की योजना है जिससे खिलाड़ियों को उचित पहचान व मार्गदर्शन मिल सके। पैरा के पूर्व खिलाड़ियों को भी जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।

खेल-खिलाड़ियों को मिलेगा लाभ, रुकेगा फर्जीवाड़ा

मेरठ के अंतरराष्ट्रीय पैरा खिलाड़ी पैरालंपियन भारोत्तोलक सचिन चौधरी के अनुसार जिला स्तरीय संगठनों के बनने से हर खिलाड़ी और खेल को बढ़ावा मिलेगा। खिलाड़ी अपनी बात संघ के समक्ष रख सकेंगे जिसके जरिए उनकी बात ऊपर पहुंचेगी। साथ ही पैरा खेल के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र लेने और देने वालों की दुकानें भी बंद होगी और पैरा खेलों का नाम नहीं खराब होगा।


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