Move to Jagran APP

तीन साल के पेंटर विराज को राज्यपाल ने किया सम्मानित

तीन वर्षीय मास्टर विराज सक्सेना लाकडाउन के दौरान महज सात महीने में 70 तरह की पेंटिग बनाकर एशिया बुक आफ रिकार्ड और कलाम्स व‌र्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 08:40 AM (IST)
तीन साल के पेंटर विराज को राज्यपाल ने किया सम्मानित

मेरठ, जेएनएन। तीन वर्षीय मास्टर विराज सक्सेना लाकडाउन के दौरान महज सात महीने में 70 तरह की पेंटिग बनाकर एशिया बुक आफ रिकार्ड और कलाम्स व‌र्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। विराज की इस उपलब्धि को देखते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को लखनऊ में विराज को सम्मानित किया। छोटी उम्र में इतनी लगन की तारीफ करते हुए राज्यपाल ने विराज के अभिभावकों व स्वजन को उनकी परवरिश में विशेष ध्यान देने को कहा जिससे वह आगे चलकर पेंटिग में देश-विदेश में मेरठ व प्रदेश का नाम रोशन करें। सम्राट पैलेस गढ़ रोड निवासी विराज पुत्र नवनीत सक्सेना पौत्र पुरुषोत्तम सक्सेना में ढाई साल की उम्र में पेंटिग के प्रति रुचि दिखी। विराज की मा प्रियंका ने लाकडाउन के अवसर का लाभ उठा विराज को प्रेरित किया और साथ में मार्गदर्शन करती रहीं। विराज ने वाटर कलर पेंटिग, ग्लास पेंटिग, एक्रेलिक पेंटिग, जेनटेंगल आर्ट, वालरी आर्ट और ग्लास वाटल आर्ट पर 70 पेंटिग की है। मास्टर विराज ने इस दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जिसमें से 35 में चयनित होकर पुरस्कृत भी हुए। इनमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता भी शामिल हैं। विराज के पिता नवनीत के अनुसार विराज ने कलाम्स व‌र्ल्ड रिकार्ड में लिटिल वर्सटाइल पेंटर, एशिया बुक आफ रिकार्ड में ग्रैंड मास्टर और इंडिया बुक आफ रिकार्ड में लिटिल वर्सटाइल पेंटर और यंगेस्ट वर्सटाइल पेंटर का खिताब जीता है। विराज शास्त्रीनगर स्थित अमेरिकन किड्ज स्कूल में कक्षा नर्सरी में पढ़ रहे हैं। राज्यपाल से सम्मान पाकर लौटे विराज को गुरुवार को स्कूल में निदेशक डा. मोहिनी लांबा और विक्रम प्रकाश लांबा ने भी सम्मानित व प्रोत्साहित किया।

loksabha election banner

सीईओ से मिले सभी सदस्य

छावनी परिषद के सीईओ नवेंद्र नाथ से गुरुवार को उपाध्यक्ष समेत सभी सदस्यों ने मुलाकात की। उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी, वार्ड एक की सदस्य रिनी जैन, बुशरा कमाल, बीना वाधवा, नीरज राठौर, मंजू गोयल, अनिल जैन, धर्मेंद्र सोनकर से औपचारिक मुलाकात में सीईओ ने कहा कि वह पहले भी मेरठ में डीईओ रहे हैं, लेकिन उस समय छावनी के सिविल समस्याओं से अवगत नहीं हुए थे। एक दो महीने में सारी चीजों को जान जाएंगे। मुलाकात के बाद उन्होंने सभी सदस्यों को एलोविरा का पौधा भी दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.