ग्रीन कारिडोर बनाकर पहुंचाया आक्सीजन सिलेंडर
मेडिकल कालेज में आक्सीजन खत्म होने की स्थिति में खास तत्परता बरती गई।
मेरठ,जेएनएन। मेडिकल कालेज में आक्सीजन खत्म होने की स्थिति में खास तत्परता बरती गई। टैंकर के उपकरण से मेडिकल कालेज के प्लांट न जुड़ने पर मेडिकल कालेज प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए थे। इमरजेंसी में भर्ती 50 से अधिक मरीजों के लिए आक्सीजन आवश्यक था। ऐसे में मोदीनगर स्थित आक्सीजन प्रदाता कंपनी से बात की गई। पता चला कि एक कैप्सूल मेरठ के लिए भेजा गया है। इतनी सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारी उक्त आक्सीजन टैंकर को रास्ता देने में जुट गए। एसीएम संदीप श्रीवास्तव और परतापुर के थानाप्रभारी ने आक्सीजन कैप्सूल के लिए ग्रीन कारीडोर बनाया और परतापुर, जागरण चौराहो होते हुए बाइपास के रास्ते मेडिकल कालेज पहुंचाया। अधिकारियों ने बताया कि आधा घंटा से भी कम समय में वाहन को मेडिकल पहुंचा दिया गया।
बता दें कि कि ग्रीन कारिडोर मतलब है साफ रास्ता। पुलिस द्वारा वीआइपी, मंत्री, नेताओं को यह सुविधा दिलाई जाती है। इनके आने की सूचना पर पुलिस ग्रीन कारिडोर बनाकर उनका काफिला पास कराती है। ठीक उसी प्रकार आक्सीजन प्लांट से लेकर मेरठ मेडिकल कालेज तक आक्सीजन कैप्सूल को भी निकाला गया।
उद्योगों ने वापस किए 300 आक्सीजन सिलेंडर: जिला प्रशासन की अपील पर उद्योगों ने 300 से ज्यादा आक्सीजन सिलेंडर गैस आपूर्तिकर्ता एजेंसी को वापस सौंप दिए हैं। जिसके साथ ही जिला प्रशासन ने गुरुवार रात में दावा किया कि जनपद में अब सिलेंडर की कोई कमी नहीं है। जिलाधिकारी के. बालाजी ने बताया कि जिले में सभी अस्पतालों के पास आक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। अब जिला प्रशासन जनपद में आक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने में जुटा है।
जनपद में आक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी ने उप आयुक्त उद्योग वी के कौशल के नेतृत्व में एक टीम लगाई है। जो कि जनपद में संचालित चारों निजी आक्सीजन प्लांटों की निगरानी कर रही है। सभी प्लांटों पर प्रशासन के कर्मचारी तैनात किए गए हैं। ये प्लांट से निकलने वाले एक-एक सिलेंडर का हिसाब रख रहे हैं। उप आयुक्त उद्योग वी के कौशल ने बताया कि जिले में उद्योगों के पास हर समय लगभग 450 आक्सीजन सिलेंडर रहते हैं। ये सिलेंडर आपूर्ति करने वाली एजेंसी के हैं। जिनके खाली होने पर वापस जाने और दूसरे भरे सिलेंडर आने का क्रम बना रहता है। जिला प्रशासन की अपील पर उद्योगों ने 300 से ज्यादा सिलेंडर आपूर्तिकर्ता एजेंसी को वापस कर दिए हैं। इसी के साथ जनपद के अस्पतालों में आक्सीजन सिलेंडरों की कमी दूर हो गई है। उन्होंने बताया कि मुनाफाखोरी के लिए मेरठ में तैयार हो रही आक्सीजन किसी दूसरे जनपद में न जा सके इसके लिए भी पुख्ता इंतजाम कर दिए गए हैं।
जिलाधिकारी के बालाजी ने बताया कि जनपद के अस्पतालों में आक्सीजन के सिलेंडर की कमी नहीं है। मेरठ में तैयार हो रही आक्सीजन का प्रबंधन करके आपूर्ति बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही शासन स्तर पर बात करके तथा कमिश्नर की मदद से अतिरिक्त आक्सीजन की व्यवस्था का भी प्रयास किया जा रहा है।
पंचायत चुनाव कार्यालय कोरोना संक्रमण का शिकार: एक और जहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं वहीं यह चुनाव कराने वाला चुनाव कार्यालय कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया है। यहां के मूल कर्मचारियों के साथ साथ चुनाव कार्य के लिए दूसरे विभागों के संबद्ध किए गए कर्मचारी भी अधिकांश कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। फिलहाल चुनाव कार्यालय सूना पड़ा है। सूत्रों की माने तो गोपनीय कार्य के चलते कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने के बावजूद कुछ कर्मचारियों को कार्यालय आकर चुनाव संबंधी कार्य करना पड़ रहा है।