तहसील में बाहरी लोगों पर कमिश्नर की नजरें टेढ़ी
मेरठ। सदर तहसील में महत्वपूर्ण सरकारी काम काज कर रहे बाहरी व्यक्तियों के मामले में कमिश्नर ने जिलाधि
मेरठ। सदर तहसील में महत्वपूर्ण सरकारी काम काज कर रहे बाहरी व्यक्तियों के मामले में कमिश्नर ने जिलाधिकारी से जवाब मांगा है। बतातें चलें कि 20 जून के अंक में कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने दैनिक जागरण की 'तहसील में महत्वपूर्ण पटलों पर बाहरी काबिज' शीर्षक से फोटो सहित प्रकाशित खबर पर संज्ञान लिया है। कमिश्नर ने जिलाधिकारी से कहा है कि 30 जून तक वह इस मामले में आख्या दें। ऐसे व्यक्ति जो तहसील में पहले काम करते रहे हैं, उन्हें किसी भी हालत में तहसील परिसर में नहीं घुसने दिया जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि तहसील का काम सरकारी व्यक्ति ही करें।
बतातें चलें कि बाहरी व्यक्ति काम करने के एवज में फरियादियों से मोटी रकम ऐंठते हैं। मंगलवार को तहसीलदार संतोष सिंह समेत अधिकारी समाधान दिवस में व्यस्त थे। वहीं आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल धरने पर बैठे थे। मुकेश नाम के व्यक्ति को रजिस्ट्रार कानूनगो के कक्ष में कार्य करते दैनिक जागरण ने कैमरे में कैद किया। उसके पास फरियादियों की भीड़ लगी थी। बतातें चलें एक मुकेश दस माह पूर्व कमिश्नर की छापामारी में पकड़ा गया था। एक अन्य सीट कंप्यूटर पर चंद्रमोहन गिरी नाम का दलाल भी काम करता मिला। इसके पहले कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने तीन अगस्त 2017 को सदर तहसील में छापा मारा था। एसडीएम सतप्रकाश पटेल और पुलिस बल के साथ की गई कार्रवाई में कमिश्नर ने नाजिर रण सिंह के कक्ष में बैठे नितिन समेत कक्ष संख्या 11 से मुकेश और संजय, कक्ष 12 से रिजवान और आशु को पकड़ा था। नाजिर और अन्य पांच लोगों को जेल भेजा गया था। बावजूद इसके समाधान दिवस में फिर से तहसील में बाहरी व्यक्ति धड़ल्ले से काम करते मिले थे।