'ऑपरेशन कायाकल्प' से बदलेगी शिक्षा की सूरत
भविष्य की नींव मजबूत करने वाले प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर बदलने जा रही है।
मेरठ, जेएनएन। 'भविष्य' की नींव मजबूत करने वाले प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर बदलने जा रही है। अपेक्षित शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिकता के आधार पर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 'ऑपरेशन कायाकल्प' के तहत आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। पहले चरण में 31 मार्च तक जिले के तमाम परिषदीय स्कूलों में जरूरी संसाधन प्रदान किए जाएंगे।
प्रथम वरीयता में ये काम
स्कूलों को सुसज्जित करने के कार्यो को प्रथम व द्वितीय वरीयता में बांटा गया है। प्रथम वरीयता में स्कूलों में ब्लैक बोर्ड, छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप अलग-अलग शौचालय-मूत्रालय एवं उनका उचित संचालन, स्वच्छ पेयजल व हाथ धोने का सिस्टम जल निकासी व्यवस्था के साथ, चहारदीवारी, छत, दरवाजे, खिड़की, फर्श की मरम्मत व फर्श में टाइल लगाने के काम शामिल हैं। इसके अलावा स्कूल भवन में विद्युतीकरण, किचन शेड का जीर्णोद्धार और रंगाई व पुताई होगी।
द्वितीय वरीयता में यह होंगे दुरुस्त
प्रदेश में स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन स्कूलों में प्रथम वरीयता वाले सात कार्य पहले से दुरुस्त हैं, उन स्कूलों में द्वितीय वरीयता वाले कार्य अविलंब शुरू कराए जाएं। दूसरी प्राथमिकता में स्कूलों में फर्नीचर, चहारदीवारी व गेट निर्माण का कार्य, स्कूल परिसर में इंटर-लॉकिंग, टाइल्स, अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण कराने हैं। कार्य स्कूल की जरूरत के अनुरूप कराए जाएंगे।
आवंटित की धनराशि
ऑपरेशन कायाकल्प के लिए 14वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, ग्राम निधि व अन्य मदों में धनराशि आवंटित की गई है। इस ऑपरेशन के लिए मिली धनराशि उन्हीं कार्यो में खर्च की जाएगी जिन कार्यो के लिए स्कूलों को कोई धनराशि आवंटित नहीं है। इसके अलावा समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों को मिलने वाली ग्रांट से खराब उपकरण बदलने, स्वच्छता सामग्री, पेंटिंग के अलावा अन्य छोटी-मोटी मरम्मत करा सकते हैं। स्कूलों में प्रस्तावित कार्य एवं लागत का ब्यौरा भी दीवार पर लिखना होगा। स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत काम शुरू हो चुका है। जिले के अधिकतर स्कूलों में यह काम जरूरत के अनुरूप एक साथ शुरू कराया गया है, ताकि 31 मार्च तक स्कूलों का कायाकल्प हो सके।
-सतेंद्र कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी