Meerut: 80 ट्रेनों के गुजरने वाले स्टेशन पर पसरा है सन्नाटा, त्योहारी सीजन में इन ट्रेनों का है संचालन
स्टेशन का हाल यह है कि वेंडरों के ठेले तिरपल से ढके हुए हैं सिवाय रेल कर्मी और आरपीएफ के कोई नहीं है। यात्रियों ने कहा कि बाजारों में भीड़-भाड़ है बसों में लोग सफर कर रहे हैं ऐसे में सिर्फ ट्रेन न चलाना सिवाय हठर्धिमता के कुछ नहीं है।
मेरठ, जेएनएन। त्योहार का सीजन चल रहा है और मेरठ सिटी स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ है। आमतौर पर दीपावली के एक पखवाड़े पहले से ही ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ उमड़ी रहती थी। मंगलवार को स्टेशन का हाल यह था कि वेंडरों के ठेले तिरपल से ढके हुए थे स्टेशन सिवाय रेल कर्मी और आरपीएफ के कोई नहीं था। यात्रियों का कहना है कि बाजारों में भीड़ - भाड़ है बसों में लोग सफर कर रहे हैं ऐसे में सिर्फ ट्रेन न चलाना सिवाय हठर्धिमता के कुछ नहीं है।
80 ट्रेनें गुजरती हैं मेरठ से
मेरठ सिटी स्टेशन से 80 ट्रेनें गुजरती हैं जिसमें 20 ट्रेनें ऐसी हैं जो समाप्त में एक, दो या तीन दिन आती हैं। शेष 30 जोड़ी ट्रेनें प्रतिदिन आती हैं। जिनमें संगम, नौचंदी, राज्यरानी जैसी ट्रेनों का मेंटीनेंस मेरठ स्थित कोच डिपो में होता है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाने के लिए नौचंदी और राज्यरानी ही एक विकल्प हैं। जबकि प्रयागराज जाने के लिए नौचंदी और संगम ट्रेन हैं। व्यापारिक और प्रशासनिक कामकाज के लिए जाने वाले लोग भी इन्हीं ट्रेनों पर निर्भर हैं। लगभग साढ़े सात माह से ट्रेनों का संचालन बंद है।
सिर्फ लंबी दूरी की ट्रेनें चल रही हैं
मौजूदा समय में वाया मेरठ सिटी होते हुए लोकमान्य र्टिमनल - हरिद्वार, बलसाड़, नंदा देवी, गोल्डन टेंपल, शताब्दी एक्सप्रेस, जनशताब्दी, छत्तीसगढ़ और उधमपुर प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन चल रही हैं। लखनऊ और प्रयागराज के लिए कोई नियमित ट्रेन इसमें नहीं है। उद्यमपुर से प्रयागराज एक्सप्रेस सप्ताह में सिर्फ दो दिन चल रही है। वाया मेरठ होकर जाने वाली यही एक मात्र ट्रेन है। जो अवध क्षेत्र को मेरठ से जोड़ रही है। इसमें भी नवंबर तक कोई सीट उपलब्ध नहीं है।
नौचंदी और संगम के जल्द चलने की संभावना नहीं
रेलवे इस समय दीपावली और छठ के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है। नौचंदी के कोचो दिल्ली से पूर्वी क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल करने की योजना है। संगम एक्सप्रेस के लिए एलएचबी कोच तैयार हैं। पर अभी तक मामला उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे के बीच अटका हुआ है।
पैसेंजर और मेमू ट्रेन न चलने से दिल्ली और मेरठ के बीच चलने वाले दैनिक यात्री भी परेशान हैं। दिल्ली जाने वाले तरुण मेहता ने बताया कि डेली आने जाने में हर माह मोटी रकम खर्च हो रही है। हम या तो कार पूल कर जा रहे हैं या बस का सहारा लेना पड़ता है।
अवध पूर्वांचल जन - जन समिति के अयोध्या प्रसाद दुबे जनपद में लखनऊ, कानपुर, हरदोयी, प्रयागराज आने जाने वालों की संख्या खासी है। लखनऊ और प्रयागराज जाने के बाद लोग पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार के लिए ट्रेन पकड़ लेते हैं। त्योहारी सीजन में ट्रेन चलने से हजारों लोगों को परेशानी होगी। मेरठ से लखनऊ के लिए बस का सफर काफी समय लेता है और महिलाओं और बच्चों के लिए कष्टकारी साबित होता है।
डीआरएम सुखमल चंद जैन ने कहा कि यात्रियों की परेशानी संज्ञान में है। कोरोना महामारी को देखते हुए ही ट्रेनों की संचालन की रूपरेखा बनायी जा रही है।