बेगमपुल से लेकर जीरो माइल तक एक तरफ का रोड बंद
एनसीआरटीसी की तरफ से सीनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार ने जानकारी दी।
मेरठ, जेएनएन। एनसीआरटीसी की तरफ से सीनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार ने बताया कि ट्रैफिक ट्रायल के लिए एक तरफ का रोड बंद किया गया है। रविवार से दोनों तरफ चलने वाले वाहन साई मंदिर के सामने से मोड़कर सीधे जीरो माइल की तरफ भेजे जाएंगे। जीरो माइल की तरफ से बेगमपुल आने वाले वाहन अपनी साइड ही चलेंगे। उन्होंने बताया कि शहर में बेगमपुल व जीरो माइल पर ई-रिक्शा की वजह से जाम लगता है। एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव से जीरो माइल व उसके आसपास ई-रिक्शा लेकर खड़े होने वाले चालकों को हटाने की बात कही है। ट्रायल के बाद जीरो माइल व उसके पास खोदाई का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि बेगमपुल व जीरो माइल पर कंपनी के मार्शल के साथ ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। सड़क के बीच में खड़े होकर सवारी भरने वाले ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अफसर व्यस्त, पीड़ित कर रहे मदद का इंतजार: बिजली दुर्घटनाओं के कारण फसलों, संपत्ति और जान की क्षति के शिकार लोगों को पावर कारपोरेशन द्वारा सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन मेरठ समेत प्रदेश के तमाम जनपदों में तहसील स्तर से होने वाले क्षति के मूल्यांकन की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। पीड़ित मदद का इंतजार कर रहे हैं। शासन ने अब सख्त आदेश दिया है जिसके बाद हलचल मची है।
विद्युत दुर्घटनाओं में किसानों की फसलें जल जाती हैं। पशुओं और व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है तथा अन्य संपत्तियां जल जाती हैं। मेरठ जनपद में पिछले दो साल में घटित लगभग 50 घटनाओं के पीड़ितों को अभी तक सहायता राशि नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद द्वारा पूरे प्रदेश के इन हालात पर चिंता जताई गई है। इसके बाद मेरठ में भी अफसरों में हलचल मची है। बिजली अफसरों की माने तो तहसील स्तर से मूल्यांकन रिपोर्ट तथा विद्युत सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट न मिलने के कारण यह प्रक्रिया अटकी है। सभी खंडों द्वारा डीएम को पत्र भेजकर मूल्यांकन रिपोर्ट की मांग की है। केवल ग्रामीण द्वितीय खंड के ही दो साल के 13 मामले लंबित हैं। डीएम ने सभी तहसीलों को तत्काल मूल्यांकन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है।