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डरिए नहीं, ऐसे पहचानें ओमिक्रोन के लक्षण और करें मुकाबला

Omicron Strain News मेरठ में चिकित्‍सकों के मुताबिक ओमिक्रोन के शुरुआती लक्षणों में कमजोरी महसूस होना नाक बहना गले में खराश और सुगंध न आना आदि शामिल है। हमेशा घर से बाहर मास्‍क पहनकर ही निकलें। भीड़ भाड़ से बचना होगा।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 07:11 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 10:13 AM (IST)
डरिए नहीं, ऐसे पहचानें ओमिक्रोन के लक्षण और करें मुकाबला
ओमिक्रोन के लक्षण मिलने पर सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है।

मेरठ, जेएनएन। ओमिक्रोन की दहशत के बीच मेरठ और आसपास के जिलों में इनदिनों कोरोनावायरस पांव पसारने लगा है। ओमिक्रोन से बचाव रखना जरूरी है। चिकित्‍सकों के मुताबिक ओमिक्रोन के शुरुआती लक्षणों में कमजोरी महसूस होना, नाक बहना, गले में खराश व सुगंध न आना आदि शामिल है। यदि ऐसा होता है तो इन लक्षणों को गंभीरता के साथ लें और तुरंत डाक्‍टर को दिखाए और उनकी सलाह लें। घर से बाहर निकलते वक्‍त हमेशा मास्‍क पहनकर ही निकलें। ज्‍यादा जरूरी होने पर घर से बाहर निकलें। भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। मेरठ में भी ओमिक्रोन ने दस्‍तक दे दी है।

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ऐसे फैल रहा है संक्रमण

मेरठ में मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट की आर-वैल्यू यानी एक व्यक्ति से 1.6 लोगों में संक्रमण फैल रहा था, जो ओमिक्रोन में 2.0 पाई गई है। दोनों वायरसों की संक्रमण दर में दोगुने का भी अंतर नहीं मिला है। लेकिन वायरस के बदलते रूप को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं मेरठ मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य डा. ज्ञानेश्वर टांक का कहना है कि मेडिकल कालेज में 20 बेडों का ओमिक्रोन वार्ड बनाया जा रहा है। इस वायरस से संक्रमित होने वालों में कई नए लक्षण मिल रहे हैं।

फरवरी में भी बढ़ सकती है संख्‍या

मेरठ में ही सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर भी यूरोप के बाद भारत आई थी। ओमिक्रोन के बड़ी संख्‍या में मरीज मिल चुके हैं। वहीं विशेषज्ञों का दावा है कि संक्रमण की नई लहर जनवरी-फरवरी 2022 में तेजी पकड़ सकती है। मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि आरएनए वायरस में म्यूटेशन होता रहता है, ऐसे में ओमिक्रोन आने वाले दिनों में ज्यादा खतरनाक बन सकता है या कमजोर पड़ जाएगा।

वायरस कमजोर है, यह कहना जल्‍दबाजी होगा

इस बीच सांस एवं छाती रोग विशेष डा. वीएन त्यागी ने बताया कि विदेश में ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित कई मरीजों में फेफड़े में भी संक्रमण मिल रहा है। इसका वायरस कमजोर है, यह कहना जल्दबाजी होगी। वहीं प्रो. अरिवंद कुमार ने बताया कि ओमिक्रोन संक्रमित हो रहे मरीज में संक्रमण गले में ही रुक जा रहा है। पूर्व की लहर की तरह ओमिक्रोन संक्रमितों में फेफड़ों के टिश्यू को नुकसान नहीं पहुंच रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग बेपरवाह हो जाएं। घर की कमजोर कड़ी यानी बुजुर्ग या पहले से गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के लिए यह घातक साबित हो सकता है। ऐसे में पूरी तरह से सावधानी बरतें।

यह लक्षण दिखे तो संभव है ओमिक्रोन हो

- सर्दी, जुकाम के साथ 100-101 फारेनहाइट बुखार होना।

- कमजोरी महसूस होना।

- नाक बहना

- गले में खराश व सुगंध न आना।

- गले में खराश के साथ बलगम रहित खांसी या सूखी खांसी।

- सामान्य संक्रमण होने पर तीन से चार दिन के बाद रोगी अच्छा महसूस करने लगता है लेकिन ओमिक्रोन के मामले में मरीज को स्थिति में सुधार नहीं महसूस होता।


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