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स्‍मृति शेष : संगठन में शक्ति है..टाइगर अभी जिंदा है, शिक्षकों का हौसला बढ़ा गए ओमप्रकाश शर्मा Meerut News

दिग्‍गज नेता ओमप्रकाश शर्मा ने जीवन के आखिरी दिन भी तबीयत खराब होने के बावजूद बढ़ाया था शिक्षकों का हौसला। उनकी बेटी अंजु शर्मा ने बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई। कुछ मिनटों बाद ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 10:30 AM (IST)
स्‍मृति शेष : संगठन में शक्ति है..टाइगर अभी जिंदा है, शिक्षकों का हौसला बढ़ा गए ओमप्रकाश शर्मा Meerut News
ओम प्रकाश शर्मा शनिवार को तबियत खराब होने के बावजूद धरने पर पहुंचे और शिक्षकों को संबोधित किया था।

अमित तिवारी, मेरठ। संघर्ष से शिक्षकों का मान-सम्मान बढ़ाया,आर्थिक सुधार करवाए, हर शिक्षक को एक साथ जोड़ा और जीवन के आखिरी दिन भी शिक्षकों को संगठन की एकता में शक्ति का पाठ पढ़ाकर गए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के करीब 50 सालों से प्रांतीय अध्यक्ष के तौर पर ओम प्रकाश शर्मा शनिवार को तबियत खराब होने के बावजूद जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर आयोजित धरने पर पहुंचे और शिक्षकों को संबोधित किया। उनके साथ सेल्फी लेने वाले युवा शिक्षकों को उन्होंने कहा कि टाइगर अभी जिंदा है। जिन्होंने दोपहर में उनकी यह गर्जना सुनी उनके लिए रात में आई यह दुखद खबर झकझोरने वाली थी। उन्होंने शिक्षकों को एकत्र रहने का आह्वान करते हुए कहा कि संगठन में ही शक्ति है।

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मना किया था, पर धरने पर पहुंच ही गए

परिवार के लोग उन्हें धरने पर जाने से मना कर रहे थे। लेकिन जब बात शिक्षक आंदोलन और शिक्षक एकता की हो तो वह कभी भी पीछे नहीं हटे। शनिवार को भी सुबह 11 बजे से चल रहे धरने में उन्होंने हिम्मत करके उपस्थित दर्ज कराई। दो बजे के बाद पहुंचे और करीब दो घंटे रहकर भाषण भी दिया। धरने से शास्त्रीनगर बी-ब्लाक स्थित घर में पहुंचे शिक्षकों व संगठन पदाधिकारियों से शाम सात बजे तक बात भी की। बेटी अंजु शर्मा ने बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई। परिवार ने तत्परता दिखाई लेकिन कुछ मिनटों बाद ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

उतनी ही बुलंद थी आवाज

माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता महेश चंद शर्मा ने कहा कि खराब तबियत में भी धरने पर पहुंचकर उन्होंने जब भाषण दिया तो उनकी आवाज उतनी ही बुलंद थी जितनी हर पूर्व के धरने में रहा करती थी। चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने उदास न होने का आह्वान किया और कहा कि अब तक जो लड़ाई विधान परिषद में लड़ते रहे थे वह लड़ाई अब सड़क पर जारी रहेगी।

एक फरवरी के आंदोलन में जाने को थे तैयार

सरकार से पुरानी पेंशन सहित विभिन्न मांगों को लेकर एक फरवरी को लखनऊ में शिक्षा निदेशालय के घेराव का आह्वान प्रदेश स्तर पर किया गया था। ओपी शर्मा ने शनिवार के धरने में उसका जिक्र करते हुए वहां शिक्षकों को बड़ी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। अपने संबोधन में उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा कालेजों को विवि के अंतर्गत लाए जाने को उन्होंने शिक्षकों के लिए गलत बताया।

धरने की सफलता पर खुश थे

ओपी शर्मा प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रहे। उनके आह्वान पर मेरठ सहित पूरे प्रदेश में शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना दिया गया। मेरठ में उनका धरना सफल रहा। उनके करीबी लोगों की मानें तो अन्य जिलों में भी धरना काफी सफल रहा। इसकी सूचना से ओपी काफी खुश नजर आ रहे थे। मेरठ में धरने को संबोधित करने के साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र को डीआइओएस को सौंपा। जिसमें उन्होंने शिक्षा के निजीकरण का विरोध करते हुए यह भी कहा था कि अगर हालात ऐसे रहे तो शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा। इसलिए लड़ाई लड़नी होगी।


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