तीन मिनट 43 सेकेंड की दूरी पर है ओलंपिक का पदक
टोक्यो ओलंपिक के लिए 20 किलोमीटर पैदल चाल में मेरठ की प्रियंका गोस्वामी अव्वल आई है।
मेरठ, जेएनएन। टोक्यो ओलंपिक के लिए 20 किलोमीटर पैदल चाल में मेरठ की प्रियंका गोस्वामी अव्वल आई हैं। मेरठ से वह पहली महिला एथलीट हैं, जिन्होंने ओलंपिक का कोटा हासिल किया है। ओलंपिक में पैदल चाल के रिकार्ड को देखें तो प्रियंका ओलंपिक में पदक से महज तीन मिनट 43 सेकेंड दूर हैं। उनकी मेहनत और इरादे को देखकर उम्मीद है कि वह अपने प्रदर्शन को और धार देकर इस दूरी को अपनी पहुंच में कर लेंगी।
पूर्वोत्तर रेलवे में कामर्शियल क्लर्क के तौर पर कार्यरत प्रियंका ने अभी रांची में आयोजित नेशनल ओपन और इंटरनेशनल रेस वाकिग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही वह ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई हुईं। ओलंपिक क्वालीफाई करने का समय एक घंटे 31 मिनट का था। प्रियंका ने 20 किलोमीटर की दूरी को एक घंटे 28 मिनट 45 सेकेंड में पूरा किया। यानी ओलंपिक के लिए निर्धारित समय से करीब दो मिनट 15 सेकेंड पहले इस रेस को जीता। 20 मिनट पैदल चाल के ओलंपिक के मुकाबलों को देखते तो महिला वर्ग में जिसने स्वर्ण जीता था, उसने एक घंटे 25 मिनट दो सेकेंड में पूरा किया था। यानी अगर प्रियंका ओलंपिक में पदक की दावेदार बनती हैं तो उन्हें 20 किलोमीटर की रेस को इस समय तक लाना होगा। जो उनके लिए मुश्किल नहीं है। ग्रुप प्रैक्टिस में गति बढ़ेगी
प्रियंका के कोच गौरव त्यागी कहते हैं कि ओलंपिक में महिला वर्ग में 20 किलोमीटर की पैदल चाल में जो मेडल आता है। वह एक घंटे 26 से एक घंटे 27 मिनट में पूरा करने पर मेडल मिलता है। ऐसे में मेडल की दौड़ में प्रियंका डेढ़ से दो मिनट पीछे हैं। इसके लिए प्रियंका को और साइंटिफिक ट्रेनिग की जरूरत होगी। कोविड की वजह से बीच में ट्रेनिग पूरी नहीं हो पाई थी। डाइट पर भी फर्क पड़ा। इसकी वजह से थोड़ा असर पड़ा। पूरी ट्रेनिग भी नहीं हो पाई थी, इसके बावजूद भी प्रदर्शन ठीक रहा है। अभी हमारे पास समय है। डेढ़ से दो मिनट का समय है उसे पूरा कर लेंगी। ग्रुप में अब ट्रेनिग शुरू होगी तो यह पूरा हो जाएगा। अभी तक अकेले ट्रेनिग होती घुटने रहते हैं लाक
20 किलोमीटर की पैदल चाल में खिलाड़ियों को अपने घुटने को पूरी तरह से लाक करके रखते हैं, यानी पैदल चाल के समय घुटने नहीं मुड़ने चाहिए। एथलेटिक के कोच और क्रीड़ा अधिकारी रहे राजाराम बताते हैं कि इस स्पर्धा में घुटने के जरा भी मुड़ने पर खिलाड़ी बाहर हो जाते हैं। इसमें गति के साथ इसका भी ख्याल रखना पड़ता है। बगैर घुटने मोड़े एक तरह से रेस लगानी पड़ती है। इसमें एड़ी पहले जमीन पर होती है। प्रैक्टिस से इसके समय को बढ़ाया जा सकता है। अभी तक चीन और जापान के खिलाड़ी ही ओलंपिक में इस स्पर्धा में पदक जीतते रहे हैं। पैदल चाल में अभी ये है रिकार्ड
विश्व का यह है रिकार्ड
20 किलोमीटर रेस वाक यानी पैदल चाल में अभी विश्व रिकार्ड पुरुष वर्ग में जापान के नाम है। जापान के वाई सुजुकी एक घंटे 16 मिनट और 36 सेकेंड में पूरा किया था, जबकि महिलाओं में चीन की ली हांग ने एक घंटे 24 मिनट 38 सेकेंड में पैदल चाल में वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। ओलंपिक का यह है रिकार्ड
20 किलोमीटर पैदल चाल में ओलंपिक का रिकार्ड पुरुष वर्ग में चीन के पास है। जहां के चेन डिग ने वर्ष 2012 के ओलंपिक में एक घंटे 18 मिनट 46 सेकेंड में पूरा किया था। महिलाओं में यह रिकार्ड रूस की एलना लेशमेनोवा के नाम हैं। इन्होंने भी 20 किलोमीटर की पैदल चाल 2012 लंदर ओलंपिक्स में एक घंटे 25 मिनट दो सेकेंड में पूरा किया था। मेरठ से ये रहे हैं ओलंपियन
मेरठ से अभी तक हाकी के खिलाड़ी एमपी सिंह, शूटर आभा ढिल्लन और शटलर मनु अत्री ने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि अभी तक किसी ने भी ओलंपिक में पदक नहीं जीता है। ओलंपिक में इनका टिकट है पक्का
मेरठ में शूटर सौरभ चौधरी और पैरा तीरंदाज विवेक चिकारा का ओलंपिक में टिकट पक्का हो चुका है। साथ ही अब एथलीट प्रियंका गोस्वामी भी ओलंपिक कोटा में जगह बना चुकी हैं। इन खिलाड़ियों के रिकार्ड और प्रदर्शन को देखते हुए उम्मीद है कि ओलंपिक में ये खिलाड़ी पदक जीतकर पूरे देश के साथ मेरठ का भी मान बढ़ाएंगे। साथ ही पदक जीतकर एक नया रिकार्ड भी बनाएंगे।