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एक्सप्रेस-वे के 'जख्मों' पर लगा मरहम

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे मेरठ से डासना तक अब दुरुस्त कर दिया गया है। मानसून की बारिश की वजह से जो जगह-जगह गड्ढे हो गए थे उन्हें भर दिया गया है। मिट्टी भराव वाले किनारे भी दुरुस्त कर दिए गए हैं। टूटी नालियों के स्थान पर मौके पर ही स्लैब डालकर नई नाली बना दी गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:24 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 10:24 AM (IST)
एक्सप्रेस-वे के 'जख्मों' पर लगा मरहम
एक्सप्रेस-वे के 'जख्मों' पर लगा मरहम

मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे मेरठ से डासना तक अब दुरुस्त कर दिया गया है। मानसून की बारिश की वजह से जो जगह-जगह गड्ढे हो गए थे, उन्हें भर दिया गया है। मिट्टी भराव वाले किनारे भी दुरुस्त कर दिए गए हैं। टूटी नालियों के स्थान पर मौके पर ही स्लैब डालकर नई नाली बना दी गई हैं। जहां भी डामर की परत धंसी थी, वहां भी खोदाई करके कंक्रीट भरी गई। उसके बाद डामर की नई परत डाली गई। किनारे की जो दीवारें टूटी थीं, उन्हें तोड़कर नई दीवारें बनाई गई हैं। क्रैश बैरियर कई स्थान पर गिर गए थे, उनके स्थान पर नए बैरियर लगा दिए गए हैं। कुछ स्थानों पर अभी बैरियर के पोल गाड़ने के लिए मशीन तैनात की गई है। क्रैश बैरियर के पास की दीवारों पर रंगाई शुरू कर दी गई है। वहीं डिवाइडर के साथ ही दोनों तरफ किनारे पौधारोपण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। परतापुर में इंटरचेंज के लूप पर भी पौधारोपण करके पार्क का आकार दिया जा रहा है। जहां भी पहले कार्य जारी होने की वजह से सेफ्टी कोन रखे गए थे, वे हटा लिए गए हैं। बारिश का मौसम समाप्त होने के बाद 15 दिन में कार्यदायी कंपनी ने एक्सप्रेस-वे दुरुस्त करने का दावा किया था। उसी की हकीकत देखने के लिए दैनिक जागरण संवाददाता ने एक्सप्रेस-वे का जायजा लिया।

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पत्थर-गिट्टी से मजबूत कर दिए किनारे : पुलिया और अंडरपास के किनारे जहां भी कटान हुई थी, वहां खोदाई करके पत्थर का भराव कर दिया गया है। बाकी स्थानों पर मिट्टी में गिट्टी मिश्रित करके डाल दी गई है। नालियों के नीचे भी पत्थर व गिट्टी डाली गई है। ताकि कभी मूसलाधार बारिश हो तो कटान न हो। साथ ही अब घास उगाने का भी कार्य तेजी से शुरू हो गया है।

बारिश में नहीं कम पड़ेगी मिट्टी, किया जा रहा है भंडारण : इस बार जब बारिश हुई तो कटान के बाद मिट्टी की कमी पड़ने लगी। जिन स्थानों से मिट्टी की खोदाई करके लाई जा सकती थी, वहां जलभराव था। ऐसे में अब कभी भी मिट्टी की अचानक जरूरत को देखते हुए एक्सप्रेस-वे के किनारे ही एक स्थान पर मिट्टी का भंडारण किया जा रहा है। यहां करीब 12 हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी का भंडारण किया जाएगा।


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