पांडव टीले का अफसरों ने किया निरीक्षण
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की दिल्ली व मेरठ की टीम ने शनिवार को हस्तिनापुर स्थित पांडव टीला उल्टा खेड़ा का निरीक्षण किया।
मेरठ, जेएनएन। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की दिल्ली व मेरठ की टीम ने शनिवार को हस्तिनापुर स्थित पांडव टीला उल्टा खेड़ा का निरीक्षण किया। शनिवार को एएसआइ के संयुक्त महानिदेशक संजय मंजुल, डायरेक्टर अजय कुमार, अधीक्षण पुरातत्वविद् डीबी गणनायक समेत अन्य अधिकारियों ने पांडव टीले पर पहुंचकर स्थिति को जाना। उन्होंने पूरे टीले पर भ्रमण कर पौराणिक स्थलों की जानकारी जुटाई। इसके बाद उन्होंने जयंती माता मंदिर का भ्रमण किया और प्राचीन पांडेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किए। टीम के इस निरीक्षण को लेकर माना जा रहा है कि अब पांडव टीले के दिन बहुरने वाले है और पर्यटकों को पांडव टीले पर कुछ विशेष देखने को मिल सकेगा। अधीक्षण पुरातत्वविद् डीबी गणनायक ने बताया कि पांडव टीले को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। जिस के लिए उच्चाधिकारियों ने साइट का निरीक्षण किया है। पांडव टीले को अतिक्रमण मुक्त भी कराया जाएगा। कनिष्ठ सहायक राजेश कुमार मीणा, सहायक अरविद राणा आदि रहे।
भीकुंड व सिरजेपुर के जंगलों में टीम ने की पक्षियों की निगरानी
बर्ड फ्लू के खौफ के चलते वन विभाग की टीम लगातार पक्षियों की निगरानी कर रही है। शनिवार को वन विभाग की टीम ने सिरजेपुर, भीकुंड के समीप गंगा नदी की झीलों में भ्रमण किया तथा पक्षियों की स्थिति का जायजा लिया। बता दे कि गंगा नदी किनारे कई देशों से हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आकर अपना डेरा जमाते है। इस समय गंगा की दलदली झीलों में भारी संख्या में प्रवासी पक्षी देखे जा रहे है। बर्ड फ्लू के चलते प्रशासन द्वारा अलर्ट घोषित किया हुआ है। जिसके चलते प्रवासी पक्षियों पर खास नजर रखी जा रही है। रेंजर नवरतन सिंह ने बताया कि शनिवार को वन विभाग की टीम ने पशु चिकित्साधिकारी डा. राकेश कुमार की टीम के साथ भीकुंड व सिरजेपुर गांव के जंगलों में व गंगा किनारे निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अभी तक बर्ड फ्लू जैसे लक्षण किसी पक्षी में दिखाई नहीं दिए है और न ही किसी पक्षी की अप्राकृतिक मौत हुई है। वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही है और इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है। वन विभाग की टीम गंगा किनारे बसे ग्रामीणों के लगातार संपर्क में है।