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मिशन एडमिशन: एलएलबी और एलएलएम में आज जमा होंगे आफर लेटर

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े कालेजों में संचालित एलएलबी और एलएलएम में आफर लेटर जमा होंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 07:15 PM (IST)
मिशन एडमिशन: एलएलबी और एलएलएम में आज जमा होंगे आफर लेटर
मिशन एडमिशन: एलएलबी और एलएलएम में आज जमा होंगे आफर लेटर

मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से जुड़े कालेजों में संचालित एलएलबी और एलएलएम में प्रवेश के लिए सोमवार यानी एक फरवरी को कालेजों में आफर लेटर जमा किए जाएंगे। इससे छात्र-छात्राएं दो और तीन फरवरी को प्रवेश करा सकेंगे। कालेजों को प्रवेश लेने के बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर छात्रों के प्रवेश को कन्फर्म भी करना होगा।

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एलएलबी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में ओपन मेरिट से प्रवेश लिए जाएंगे। जिन छात्रों ने पहले पंजीयन कराया था, उनकी ओपन मेरिट जारी हुई थी। ऐसे छात्र-छात्राएं अपने आफर लेटर जिस कालेज में एलएलबी में सीट रिक्त हैं, वहां जमा कर सकते हैं। कालेज आफर लेटर से मेरिट बनाकर दो और तीन फरवरी को प्रवेश लेंगे। उधर, एलएलएम में जिन छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी थी, उनको प्राप्त अंक के आधार पर ओपन मेरिट जारी हुई है। एलएलएम में प्रवेश के लिए भी एक फरवरी तक आफर लेटर कालेजों में जमा होंगे। इसके बाद दो और तीन फरवरी को प्रवेश होंगे। प्रवेश समन्वयक प्रो. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आफर लेटर जमा करने के लिए सोमवार तक मौका दिया गया है। इसलिए जो छात्र प्रवेश चाहते हैं, वह आफर लेटर जमा करके प्रवेश करा सकते हैं।

स्नातक में नए सिलेबस को लेकर बैठक आज

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि सहित पूरे प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में सत्र 2021-22 स्नातक में नई शिक्षा नीति के तहत नया सिलेबस लागू होने की तैयारी है। इसके लिए स्नातक के सिलेबस तैयार कर उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इस पाठ्यक्रम पर कालेजों, शिक्षाविदों से 31 जनवरी तक सुझाव मांगे गए थे। शासन की ओर से नए सिलेबस पर सुझाव मांगने की तिथि बढ़ाई जा सकती है। सोमवार को इसे लेकर आनलाइन बैठक है।

उच्च शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की वेबसाइट पर स्नातक स्तर पर 31 विषयों के सिलेबस अपलोड किए गए हैं। मैनेजमेंट का सिलेबस अभी अपलोड नहीं हुआ है। नए पाठ्यक्रम के अनुसार स्नातक में सेमेस्टर आधारित परीक्षा होगी। नई शिक्षा नीति के तहत सभी सेमेस्टर को क्रेडिट के हिसाब से बनाया गया है। इसमें सिलेबस को एक साल में सर्टिफिकेट दो साल में डिप्लोमा, तीन साल में डिग्री के अनुसार तैयार किया गया है। यानी छात्र एक साल स्नातक की पढ़ाई करके छोड़ देते हैं तो उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा। सर्टिफिकेट कोर्स को भी पूरी तरह से व्यावहारिक बनाया गया है। नई शिक्षा नीति के हिसाब से बने सिलेबस पर प्रदेश के कुछ विश्वविद्यालयों में भ्रम की स्थिति है। इसे देखते हुए सोमवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की आनलाइन बैठक बुलाई गई है। सोमवार को नए सिलेबस पर फीड बैक देने की तिथि बढ़ाई जा सकती है।


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