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मेरठ से हवाई यात्रा के रास्ते की बाधाएं नहीं हो रही खत्‍म, अब सामने खड़ी हुई एक और समस्‍या

मेरठ से हवाई यात्रा के रास्ते की बाधाएं खत्म होने के स्थान पर धीरे धीरे बढ़ती जा रही हैं। परतापुर हवाई पट्टी से सटी पराग डेयरी के विस्तार को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया द्वारा एनओसी दे दी गई।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 02:15 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 02:15 PM (IST)
मेरठ से हवाई यात्रा के रास्ते की बाधाएं नहीं हो रही खत्‍म, अब सामने खड़ी हुई एक और समस्‍या
मेरठ से हवाई यात्रा के रास्ते की बाधाएं नहीं हो रही खत्‍म

मेरठ, (अनुज शर्मा)। मेरठ से हवाई यात्रा के रास्ते की बाधाएं खत्म होने के स्थान पर धीरे धीरे बढ़ती जा रही हैं। परतापुर हवाई पट्टी से सटी पराग डेयरी के विस्तार को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया द्वारा एनओसी दे दी गई। जिसके साथ ही हवाई पट्टी के विस्तार के जरूरी भूमि की उपलब्धता भी कम हो गई है। हवाई पट्टी के आइएफआर सुविधा (रात में विमान संचालन) के साथ विस्तार के लिए पराग डेयरी के विस्तार वाली जमीन की जरूरत होगी और उसकी 24 मीटर ऊंची चिमनी को भी हटाना होगा। इन हालात में शासन ने मंडलायुक्त से उनका अभिमत मांगा है तथा 15 सितंबर को लखनऊ में सभी पक्षों की बैठक भी बुलाई है। दुविधा की स्थिति खड़ी हो जाने के बाद शासन ने इस संबंध में 15 सितंबर को सभी पक्षों की बैठक बुला ली है। नागरिक उड्डयन विभाग के विशेष सचिव विशाख जी के पत्र के मुताबिक इस बैठक में नागरिक उड्डयन विभाग, एएआइ, डीएम और एसडीएम, सांसद और विधायक तथा पराग डेयरी के अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में हवाई पट्टी का भविष्य तय होगा।

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अन्य गतिविधियां भी होंगी: कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि हवाई पट्टी 24 फरवरी 2014 के अनुबंध के मुताबिक 90 वर्ष की लीज पर एएआइ को दी गई है। लेकिन उसके बाद से आज तक कोई नई सुविधा यहां शुरू नहीं हो सकी है। एएआइ घाटे का रोना रो रहा है। जिसके लिए अब यहां प्रशिक्षण व अन्य गतिविधियां शुरू करके आय शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। बैठक में पराग डेयरी को दी गई एनओसी तथा हवाई पट्टी को एएआइ से वापस लिए जाने पर भी विचार किया जा सकता है।

डीएम के प्रस्ताव के बावजूद दे दी एनओसी

हवाई पट्टी के विस्तार के लिए 24 फरवरी 2021 को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। जिसमें आइएफआर (इंस्टुमेंटल फ्लाई रुल) की सुविधा हेतु 93.6933 हेक्टेयर भूमि तथा 474.20 करोड़ रुपये खर्च का आकलन किया गया था। जबकि वीएफआर (विजुअल फ्लाइट रुल) सुविधा हेतु 70.6204 हेक्टेयर भूमि और 361.68 करोड़ रुपये की आवश्यक्ता का आकलन किया गया था। डीएम के प्रस्ताव में स्पष्ट था कि आइएफआर (रात में विमान उड़ने और उतरने) की सुविधा के लिए हवाई पट्टी से सटी पराग डेयरी की जमीन की जरूरत होगी तथा उसकी चिमनी को हटाना होगा। इसके बावजूद एएआइ द्वारा 8 अप्रैल 2021 को पराग डेयरी के नए ग्रीन फील्ड डेयरी प्रोजेक्ट के निर्माण को एनओसी दे दी गई। 


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