अब तो नाला बन चुकीं ¨हडन, कृष्णी और काली : सचिव
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने शनिवार को हिंडन, कृष्णी, काली तीनों नदियों का निरीक्षण किया। जानी, पुरामहादेव, बरनावा में निरीक्षण के दौरान नदियों की स्थिति दयनीय मिली।
मेरठ । जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने शनिवार को हिंडन, कृष्णी, काली तीनों नदियों का निरीक्षण किया। जानी, पुरामहादेव, बरनावा में निरीक्षण के दौरान नदियों की स्थिति दयनीय मिली। कहा कि इनके कायाकल्प की जरूरत है। आबू नाला, ओडियन नाला एवं काली नर्दी का भी निरीक्षण किया।
नई दिल्ली से आई टीम ने शनिवार को निरीक्षण के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यदि इन नदियों में पानी का बहाव तेज होता तो शायद इतनी गंदगी नहीं होती। नदियों के पुन: उद्धार के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है। नदियों के अस्तित्व को बचाना होगा। पानी की समस्या पर उन्होंने कहा कि पंजाब में जमीन का जल स्तर काफी नीचे है। फिर भी वहां पर धान की फसल होती है। जबकि फसल नहीं होनी चाहिए। दरअसल, बिजली निश्शुल्क है। कहा कि यदि यही हालात रहे तो अगले 10-15 वर्षो में वहां का ग्राउंड वॉटर खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी की बचत कैसे हो। इसके लिए हमें सोचना होगा। नदियों के साथ ही तालाबों के अस्तित्व पर भी खतरा है। आज तालाब समाप्त हो रहें है, उन्हें पुन: उद्धार करने की जरूरत है। पत्रकार वार्ता के बाद उन्होंने ऑडियन नाले व जागृति विहार एक्सटेंशन में बन रहे एसटीपी का निरीक्षण किया।
जल्द होगा फैक्ट्रियों का मुआयना
सीवेज प्लाट को नाले से पूर्व लगाने की बात कही, उन्होने कहा कि मंत्रालय शीघ्र ही एक दर्जन टेक्निकल इंस्टीट्यूट को जिम्मेदारी सौंपने जा रहा है। जिनसे फैक्ट्रियों का मुआयना कराया जाएगा। वहीं कुछ इंडस्ट्रीज को ईटीपी लगाने के लिए मंत्रालय वित्तीय सहायता भी देगा। साथ ही सॉलिड वेस्ट को नदी के किनारे डंप करने से रोकने की कार्रवाई की जाएगी। बताया कि प्रोसिंग प्लाटों की स्थापना के लिए जन सहयोग लिया जाएगा।