अब पार्क में खेल रहे बच्चे पर आवारा कुत्तों का हमला
डिफेंस कालोनी के बाद आवारा कुत्तों ने अब जाग्रति विहार सेक्टर सात में एक छह साल के बचे पर हमला कर दिया।
मेरठ, जेएनएन। डिफेंस कालोनी के बाद आवारा कुत्तों ने अब जाग्रति विहार सेक्टर सात में एक छह साल के बच्चे पर हमला कर दिया। पार्क में खेल रहे बच्चे की कमर और जाघ में आवारा कुत्तों ने काटकर घाव कर दिया है। इस घटना के बाद पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई है, बच्चे सहम गए हैं। पार्क में जाने की बच्चे व बड़े हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इसे लेकर नगर निगम के खिलाफ लोगों में जमकर आक्रोश है।
जाग्रति विहार सेक्टर सात निवासी सुनील चौहान का छह वर्षीय पुत्र आरव चौहान शुक्रवार शाम साईंबाबा पार्क में झूला झूलने गया था। इसी दौरान दो आवारा कुत्तों ने उसपर हमला कर दिया। परिजन जब तक दौड़कर आवारा कुत्तों को भगाते, तब तक बच्चे की कमर और जाघ पर आवारा कुत्तों ने काटकर घाव बना दिया। घबराए परिजन आनन-फानन में बच्चे को लेकर निजी चिकित्सक के पास पहुंचे। उसे इंजेक्शन लगाया गया। प्रत्यक्षदर्शी बच्चे की दादी रूमा देवी ने बताया कि आवारा कुत्तों का झुंड पार्क और आसपास के क्षेत्र में टहलता रहता है। इससे पहले आरव के बड़े भाई नौ वर्षीय कृष्णा को भी आवारा कुत्ते काट चुके हैं। कई बार नगर निगम में शिकायत की गई लेकिन कोई आवारा कुत्तों को पकड़ने नहीं आया। यह आवारा कुत्ते खूंखार हो गए हैं और आते-जाते लोगों को दौड़ाते हैं।
घटना के बाद से मोहल्ले का कोई भी बच्चा, बुजुर्ग पार्क में नहीं जा रहा है। मोहल्ले के लोगों ने पार्षद से संपर्क किया। लोगों का कहना है कि नगर निगम अधिकारियों के लापरवाह रवैये के चलते आवारा कुत्तों की आबादी बढ़ रही है। नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन के साथ इनके शेल्टर की व्यवस्था की माग लोग कर रहे हैं। नगर आयुक्त से साकेत व शास्त्री
नगर के लोगों ने लगाई गुहार
आवारा कुत्ते बच्चों को लगातार निशाना बना रहे हैं लेकिन नगर निगम अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है। क्लब-60 के सदस्यों और द मेरठ सहकारी आवास समिति के पदाधिकारियों ने नगर आयुक्त मनीष बंसल को पत्र लिखकर आवारा कुत्तों की नसबंदी, एंटी रैबीज वैक्सीनेशन व शेल्टर होम व्यवस्था जल्द शुरू करने की माग की है। क्लब-60 के सदस्य महेश रस्तोगी का कहना है कि गर्मी बढ़ते ही यह समस्या विकराल हो जाएगी। वहीं, साकेत सोसायटी के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह और उपाध्यक्ष शशाक शर्मा आदि पदाधिकारियों ने कहा कि निगम ऐसी व्यवस्था बनाए कि बच्चे-बुजुर्ग शहर में खुद को आवारा कुत्तों से सुरक्षित महसूस कर सकें। लोगों का कहना है कि शहर में आवारा कुत्तों के हमले बढ़ रहे हैं। लोग निजात दिलाने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन नगर निगम की एजेंसी तय करने की कवायद और नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन की तैयारी जस की तस है। टीम आएगी, फिर वार्ता करेंगे। आखिर कौन से नियम-कानून हैं जो निगम अफसरों को समझ नहीं आ रहे। या फिर अफसर समझना नहीं चाहते हैं। कई सालों से निगम के अधिकारी तमाम नियमों की दुहाई देकर जिम्मेदारी से बचते रहे हैं, उसी का नतीजा है कि अब समस्या विकराल रूप ले रही है। नगर निगम ने आज तक न तो एक भी पालतू कुत्तों का लाइसेंस जारी किया, न ही सार्वजनिक क्षेत्रों में गंदगी फैलाने पर जुर्माना किया। जबकि यह नियम तो खुद निगम का ही है। इसी का पालन कर लिये होते। हालाकि नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह कह रहे हैं कि अब नसबंदी व एंटी रैबीज वैक्सीनेशन भी करेंगे और पालतू कुत्तों के लाइसेंस का नियम भी लागू होगा। हालाकि, यह कब तक होगा, अभी भी इसका जवाब उनके पास नहीं है। हैरानी की बात ये भी है कि क्लब-60 ने ट्वीट कर और जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी, उसका जवाब भी अभी नहीं मिला है।