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अब सुधरेगा शताब्दी नगर, सख्ती भी होगी

शताब्दी नगर के चार सेक्टरों और पंचवटी एन्क्लेव की सूरत जल्द बदलेगी। एमडीए ने इसके लिए अवस्थापना निधि से कार्य कराने का प्रस्ताव तैयार किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 10:00 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 10:00 AM (IST)
अब सुधरेगा शताब्दी नगर, सख्ती भी होगी

मेरठ, जेएनएन : शताब्दी नगर के चार सेक्टरों और पंचवटी एन्क्लेव की सूरत जल्द बदलेगी। एमडीए ने इसके लिए अवस्थापना निधि से कार्य कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। जो भी कार्य और हो सकते हैं, उसके लिए वीसी ने निर्देश दिया है। दशा सुधारने के लिए सख्त कदम भी उठाए जाएंगे। वहीं इस कॉलोनी को नगर निगम को भी हैंडओवर करने की प्रक्रिया चल रही है, उसके अंतर्गत भी कार्य होने हैं। यह जानकारी एमडीए वीसी ने दैनिक जागरण के विशेष सफाई अभियान स्वच्छ मेरठ-स्वस्थ मेरठ के दौरान दी।

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गुरुवार को शताब्दी नगर स्थित पंचवटी एन्क्लेव के आसपास सफाई अभियान चलाया गया। यह एन्क्लेव सेक्टर-एक व सेक्टर-दो से संबंधित है। एमडीए वीसी राजेश पांडेय ने शताब्दीनगर योजना प्रभारी राजीव सिंह व जेई अनुज सिंह के साथ पंचवटी एन्क्लेव का निरीक्षण किया और लोगों की समस्याएं सुनी। इसके बाद सेक्टर-एक के ए और सी पॉकेट का निरीक्षण किया। महिलाओ ने समस्याएं रखीं और वीसी को कई गलियो की हकीकत दिखाई। कूड़े की समस्या से परेशान हैं शताब्दीनगर वासी

वैसे तो शताब्दीनगर में समस्याएं भरी पड़ी हैं, लेकिन यहां की ज्वलंत समस्या साफ-सफाई है। एमडीए की ओर से नियमित रूप से सफाई नहीं होती और न ही कॉलोनी में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। डोर-टू-डोर कलेक्शन के बारे में तो सोचा भी नहीं गया। कर्मचारियों के माध्यम से ठेके पर सफाई कराई जाती है, लेकिन बेहतर सफाई न होने से जगह-जगह गंदगी पसरी दिखाई देती है। कई प्लॉटों पर डंपिंग ग्राउंड बन गए हैं। कूड़ा उठान भी कभी-कभार ही होता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कुछ समय पहले यहां 20 कर्मी थे, लेकिन अब सिर्फ चार ही बचे हैं। इन समस्याओ से जूझ रहा सेक्टर-एक

-सी और ए पॉकेट में मुख्य सड़क में गड्ढे हो गए हैं। गलियां खस्ताहाल हैं। नालिया टूटी और चोक हैं, जिससे गंदा पानी सड़क पर भर जाता है।

-सी-पॉकेट रिठानी गाव से जुड़ा होने के कारण गाव का पानी यहां जाता है।

-कई सड़कों पर जलभराव हो रहा है। उन पर पैदल निकलना भी मुश्किल है।

-घरों का कूड़ा-करकट डालने के लिए डस्टबिन की व्यवस्था नहीं है। डर में जीते हैं पंचवटी समेत कई एन्क्लेव के लोग

पंचवटी एन्क्लेव के सामने रास्ता ठीक न होने व स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरा होने पर अक्सर यहां पर लूटपाट की घटनाएं होती हैं। यहां जो ग्रीन वर्ज बना है, उसकी भी सफाई व पेड़-पौधे दुरुस्त न होने से जंगल बन गया है। इनकी वजह से लोग अंधेरे में यहां जाने से डरते हैं। यही हाल पूरे शताब्दीनगर का है। जो पेड़ पौधे हरा-भरा दिखाई देने के लिए लगाए गए थे, वे झाड़ियों में तब्दील हो जाने से डर का माहौल पैदा कर रहे हैं। निरीक्षण के बाद एक्शन में वीसी

-दैनिक जागरण के सफाई अभियान के अंतर्गत पंचवटी कॉलोनी का निरीक्षण करने के बाद वीसी ने अधिकारियों से रिकॉर्ड तलब किया। चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में समिति गठित की है। यहां क्लब की स्थिति सुधारने के साथ ही आंतरिक विकास कार्य होंगे। सभी कार्य कराने के बाद रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को हैंडओवर किया जाएगा।

-सेक्टर एक का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिस भी प्लॉट पर कूड़ा पड़ा है, उन्हें नोटिस देकर जुर्माना वसूला जाए।

-जो प्लॉट खाली पड़े हैं, उनके आवंटी को नोटिस दिया जाए। तीन महीने में यदि उस पर निर्माण शुरू न हो तो आवंटन रद कर दिया जाए।

-ग्रीन वर्ज पर अतिक्रमण करने वालो पर कार्रवाई की जाएगी। लोगो ने रखी समस्याएं

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पंचवटी एन्क्लेव एमडीए की योजना है, लेकिन एमडीए को इसकी जरा-सा फिक्र नहीं है। सफाई करने के लिए सफाईकर्मी भी नहीं आते। कई बार एमडीए में पत्र दिया गया लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

-महेश अग्रवाल 26

दिल्ली रोड से पंचवटी एन्क्लेव आने पर रात में डर लगता है। स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरा छाया रहता है। पेड़-पौधे झाड़ियों में तब्दील हो गए हैं। यहां पर स्ट्रीट लगवाई जाए।

-राम निवास 32

सेक्टर-एक के ए और सी पॉकेट समेत अन्य सभी पॉकेट में समस्याएं हैं। सड़कें खस्ताहाल हैं। नालियां चोक होने से पानी गलियों में भर रहा है।

-मनोज 22

एमडीए ने शताब्दीनगर को बदतर हालत में पहुंचा दिया है। यहां रहने वाले लोग अंधेरा होने पर डरते हैं। व्यवस्था न होने से अधिकांश प्लाटों पर घर नहीं बने।

-प्रवीन दीक्षित 30

पहले सोचा गया था कि एमडीए की सबसे बेहतरीन कॉलोनी शताब्दी नगर बनेगी, लेकिन जिस तरह से यह असुविधा से जूझ रहा है, उससे यहां कोई रहना नहीं चाहता। सड़कें जर्जर हैं। सीवर और नाली की समस्या भी है।

प्रमोद माहेश्वरी 31

मेरी पत्नी पार्षद हैं और शताब्दीनगर भी उनके ही वार्ड में आता है। यह नगर निगम को हैंडओवर नहीं है, इसलिए नगर निगम से कोई सहायता नहीं मिलती। एमडीए से भी समाधान नहीं हो पाता।

-पंकज शर्मा, पार्षद पति


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