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अब एलएलएम में होगा बीसीआइ का निरीक्षण

अगले सत्र से विधि में एलएलएम की पढ़ाई और भी मुश्किल हो सकती है। एलएलबी की तरह बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) अब एलएलएम कोर्स का भी निरीक्षण करेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 12:20 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 12:20 AM (IST)
अब एलएलएम में होगा बीसीआइ का निरीक्षण
अब एलएलएम में होगा बीसीआइ का निरीक्षण

मेरठ, जेएनएन। अगले सत्र से विधि में एलएलएम की पढ़ाई और भी मुश्किल हो सकती है। एलएलबी की तरह बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) अब एलएलएम कोर्स का भी निरीक्षण करेगी। इसका गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जिससे विधि के शिक्षकों और संस्थानों में खलबली मच गई है। नए नियम से संस्थानों के सामने कई तरह की चुनौती भी आ सकती है। बीसीआइ ने बार काउंसिल आफ इंडिया लीगल एजुकेशन 2020 को अधिसूचित किया है। जिसमें एलएलएम और विधि में पीएचडी व अन्य ला कोर्स पर बीसीआइ का नियंत्रण रहेगा। उसकी मान्यता बीसीआइ देगी। अभी तक बीसीआइ केवल एलएलबी और बीएएलएलबी जैसे पाठ्यक्रमों के लिए कालेजों का निरीक्षण करती थी। अब लीगल एजुकेशन कमेटी की एक विशेष कमेटी भी गठित कर दी गई है। जो पांच साल में किसी भी एलएलएम के कालेज का औचक निरीक्षण कर सकती है। इस कमेटी में नेशनल ला यूनिवर्सिटी कुलपति या प्रोफेसर, दो जज, तीन बीसीआइ के सदस्य रहेंगे।

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एलएलएम की डिग्री पर टीचिग का अनुभव

चौधरी चरण सिंह विवि और उससे जुड़े ला कालेजों में भी दो वर्षीय एलएलएम संचालित है। केवल प्राइवेट विश्वविद्यालयों में एक वर्षीय एलएलएम है। एक वर्षीय एलएलएम करने वाला शिक्षक नहीं बन सकता है। इसलिए टीचिग के लिए दो वर्षीय एलएलएम की मान्यता है। बीसीआइ ने अपने नोटिफिकेशन में यह भी कहा है कि एलएलएम में टीचिग का अनुभव भी लेना होगा।

एक प्रवेश परीक्षा से प्रवेश

एलएलएम में प्रवेश के लिए बीसीआइ अखिल भारतीय स्तर पर या राज्य स्तर पर खुद प्रवेश परीक्षा लेगी। जिसमें बैठने वाले अभ्यर्थी को ही विवि और कालेज एलएलएम में प्रवेश देंगे। नए नियम में सीसीएसयू के हाथ से एलएलएम की प्रवेश प्रक्रिया भी हट सकती है।

इनका कहना-

बीसीआइ ने विधि शिक्षा एडवोकेट एक्ट 1962 के अनुसार नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमे कहा गया है कि विधि शिक्षा की जिम्मेदारी बीसीआइ की है। अभी तक एलएलएम का निरीक्षण बीसीआइ नहीं करती थी। केवल एलएलबी का निरीक्षण करती थी। एलएलएम कोर्स का निरीक्षण करने से एडेड कालेजों के सामने चुनौती आएगी। एक तरह से विधि की पूरी पढ़ाई निजी क्षेत्र में जाएगी। विधि के सभी तरह के पाठ्यक्रम पर बीसीआइ का नियंत्रण होगा।

प्रो. सत्यप्रकाश गर्ग, पूर्व संकायाध्यक्ष, विधि विभाग, सीसीएसयू

एलएलबी की डिग्री एडवोकेट बनने के लिए होती है। एलएलएम एकेडमिक डिग्री है। इसमें बीसीआइ का हस्तक्षेप उचित नहीं है। विधि के शिक्षक इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। यह लागू हुआ तो विधि की पढ़ाई पूरी तरह से प्राइवेट हाथों में चली जाएगी।

डा. एमपी वर्मा, विधि शिक्षक, मेरठ कालेज


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