पाकिस्तान नहीं, पोलियो से भयभीत है भारत
पाकिस्तान के परमाणु युद्ध की घुड़की से न डिगने वाला भारत पड़ोसी देश के पोलियो बम को लेकर जरूर चिंतित है।
मेरठ, जेएनएन। पाकिस्तान के परमाणु युद्ध की घुड़की से न डिगने वाला भारत पड़ोसी देश के पोलियो बम को लेकर जरूर चिंतित है। करतारपुर गलियारे को लेकर जहां पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह दहशतगर्दी की आशंका जता चुके हैं, वहीं चिकित्सकों को भारत में पोलियो वायरस संक्रमण का भय सताने लगा है। डब्ल्यूएचओ की टीम ने सोमवार को जब मेडिकल कालेज के पांच वार्डो में पोलियो वायरस को खंगाला तो यूएसए से आए डा. हेनरी के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें गाढ़ी नजर आई। बता दें कि पाकिस्तान में दुनिया के सर्वाधिक पोलियो मरीज हैं। इससे निपटने के लिए भारत में मेरठ समेत 11 संवेदनशील शहरों में सर्विलांस किया जा रहा है।
पोलियो के लक्षण मिलते ही तुरंत जांच
विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने संयुक्त राज्य अमेरिका के डा. हेनरी और नई दिल्ली के डा. अरुण की अगुवाई में मेडिकल कालेज में पहुंचकर पोलियो, काली खांसी, टिटनेस, गलघोंटू और खसरा के टीकाकरण का रिकार्ड देखा। टीम ने माना कि पड़ोसी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वायरस लगातार मिलने से भारत में संक्रमण का खतरा है। पोलियो से मिलती-जुलती बीमारी एक्यूट फ्लेसिड पैरालाइसिस के सैंपलों की जांच तेज की गई है। इसी कड़ी में टीम ने मेडिकल कालेज के विभागों में मरीजों की फाइलों को खंगाला। एक्यूट फ्लेसिड पैरालाइसिस के मरीजों की रिपोर्ट तलब की और वैक्सीनेशन के रखरखाव को भी परखा।
पाकिस्तान से पोलियो का खतरा बरकरार
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने बताया कि मेरठ समेत भारत के कई शहरों में पाकिस्तान से अपने रिश्तेदारों के पास आने-जाने वालों की तादाद खासी है। इसीलिए डब्ल्यूएचओ की टीम पोलियोमुक्ति के अभियान को नए सिरे धार दे रही है। डा. गौतम ने माना कि करतारपुर कॉरीडोर खुलने के बाद पाकिस्तान में आवाजाही बढ़ेगी। पोलियो वायरस भारत में संक्रमित न हो, इसके लिए सरकार ने सर्विलांस तेज किया है।
डिप्थीरिया के लिए अलग वार्ड बने
टीम ने डिप्थीरिया पर नियंत्रण पर विशेष फोकस किया। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता से इसका अलग वार्ड खुलवाने को कहा। प्राचार्य ने स्टाफ की कमी का हवाला दिया। उप चिकित्साधीक्षक डा. दिनेश राणा भी शामिल रहे।
15 से जुटी है टीम
डब्ल्यूएचओ की टीम 15 नवंबर को मेरठ में सीएमओ डा. राजकुमार से मिली थी। 16 नवंबर को टीम ने नंगला बट्टू व हस्तिनापुर के स्वास्थ्य केंद्रों का रिकार्ड खंगाला। रविवार को नगरीय स्वास्थ्य केंद्र राजेंद्रनगर और लखीपुरा गई। मंगलवार को टीम पीएल शर्मा जिला अस्पताल की रिपोर्ट खंगालेगी।