राम मंदिर ही नहीं, हर मुद्दे पर मोदी ने ठगा : तोगड़िया
अंतरराष्ट्रीय ¨हदू परिषद के संस्थापक डा. प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए उनके खिलाफ जनांदोलन खड़ा करने का आह्वान किया है।
मेरठ : अंतरराष्ट्रीय ¨हदू परिषद के संस्थापक डा. प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए उनके खिलाफ जनांदोलन खड़ा करने का आह्वान किया है। कहा कि मोदी सरकार ने उन सभी ¨हदुत्ववादी मुद्दों से समझौता कर लिया है, जिसके नाम पर पार्टी सत्ता में आई। कहा कि मोदी ने समाज के हर वर्ग को कदम-कदम पर छला है।
युवाओं को भी ठगा गया
सोमवार को कैंट क्षेत्र स्थित अतिथि बैंक्वेट हाल में आयोजित कार्यक्रम में तोगड़िया ने कहा कि देश में ¨हदुओं की अस्मिता खतरे में पड़ती जा रही है। मोदी ने राम मंदिर निर्माण की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। समान नागरिक संहिता की चर्चा तक नहीं करते, और जनसंख्या नियंत्रण को एजेंडे में रखा तक नहीं। इन वजहों से देश खतरनाक स्थित में पहुंच गया है। देश में भयावह बेरोजगारी है। भाजपा की गलत नीतियों की वजह से ¨हदू समाज में भी विभाजन जैसी स्थितियां खड़ी होती जा रही हैं।
विहिप और संघ से भी मोहभंग
विश्व ¨हदू परिषद एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से किनारा करते हुए नया गठबंधन बनाने के मसले पर कहा कि ये संगठन मोदी सरकार को कर्तव्य याद नहीं दिला पाए। जिस लक्ष्य के साथ ये संगठन चले थे, वह पूरा होता नजर नहीं आ रहा है, इसीलिए नया संगठन बनाने की जरूरत पड़ी। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सीमाएं कमजोर हो रही हैं। ताबड़तोड़ विदेशी दौरों से कोई फायदा नहीं हो रहा है। केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार है, किंतु राम मंदिर पर चुप्पी ¨हदू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके लिए वह उत्तर प्रदेश के गांवों में कैंप कर लोगों को मोदी सरकार के वादों को याद दिलाएंगे। इंदौर में वोहरा समाज के बीच मोदी के पहुंचने पर कहा कि हिन्दुओं को ऐसे लोगों से सावधान होना चाहिए। राजनीति में जीत और वोट के लिए ये सरकार कुछ भी कर सकती है।
गिरिराज क्यों नहीं गए मोदी के पास
केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने हाल में एक और विभाजन का अंदेशा जताते हुए सियासत को गरमा दिया था। इस पर पलटवार करते हुए प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि गिरिराज को यह चिंता 2014 में ही करनी चाहिए थी। खैर, उनकी चिंता सही है, किंतु उन्हें अपनी सरकार में अड़कर दो बच्चों का कानून पास करवाना चाहिए। बेहतर होगा कि गिरिराज मोदी के पास जाएं और उन्हें विभाजनकारी खतरों से सावधान करें।