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NH-119: धरनारत मेरठ पौड़ी के किसानों से वार्ता करेंगे एनएचएआइ के परियोजना निदेशक

जिला प्रशासन ने एनएच अधिकारियों को मुआवजे का जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों को कंकरखेड़ा स्थित परियोजना निदेशक के कार्यालय भेज दिया था। उधर परियोजना निदेशक ने मुआवजा वितरण की पूरी व्यवस्था को एडीएम के स्तर से पूर्ण होना बताया। आज अफसर किसानों से बात करेंगे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 12:30 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 12:30 PM (IST)
NH-119: धरनारत मेरठ पौड़ी के किसानों से वार्ता करेंगे एनएचएआइ के परियोजना निदेशक
एचएम 119 पर किसान मुआवजे के लिए पिछले कई दिनों से धरनारत हैं।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ-पौड़ी हाइवे एनएच-119 के किसान मुआवजे के लिए पिछले कई दिनों से धरनारत हैं। एनएच के अधिकारी और जिला प्रशासन के बीच किसान फुटबाल बनकर रह गए हैं। जिला प्रशासन ने एनएच अधिकारियों को मुआवजे का जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों को कंकरखेड़ा स्थित परियोजना निदेशक के कार्यालय भेज दिया था। उधर, परियोजना निदेशक ने मुआवजा वितरण की पूरी व्यवस्था को एडीएम के स्तर से पूर्ण होना बताया। मंगलवार को सलारपुर, अम्हेडा, सैनी, रजपुरा के किसान परियोजना निदेशक के कार्यालय पर कंकरखेड़ा में पहुंचे थे। किसानों का कहना है कि उन्हें भूमि अधिनियम के तहत मुआवजा नहीं मिल रहा है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक बुधवार को किसानों से वार्ता करेंगे।

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कृषि की दरों पर नहीं मिलेगा कब्जा : किसान

रजपुरा निवासी आशीष सिवाच, रविंद्र सिंह, सलारपुर निवासी डा. केपी सिंह आदि किसानों का नेतृत्व कर रहे प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिला प्रशासन और एनएचएआइ के अधिकारी मुआवजे के लिए एक दूसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि दोनों विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित होने के बाद किसानों को उनका अधिकार मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वह अपनी व्यवसायिक भूमि को कृषि दरों पर कैसे अधिग्रहण करा सकते हैं। मवाना रोड पर यशोदा कुंज कालोनी से सलारपुर तक 30 से 50 हजार रुपये प्रति मीटर की भूमि है। जबकि जिला प्रशासन ने इस भूमि को कृषि दरों पर ही निर्धारित करते हुए अवार्ड घोषित कर दिया। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उन्हें भूमि अधिनियम के तहत ही मुआवजा चाहिए। वह उचित मुआवजा बिना मिले यहां से नहीं हटेंगे। कृषि की दरों पर अपनी भूमि पर कब्जा हरगिज नहीं होने देंगे।


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