New education policy: अब पढ़ाई पर नहीं उम्र का बंधन, जब चाहें पढ़ें-जब चाहें छोड़ दें
नई शिक्षा नीति के मद्देनजर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कालेजों में आने वाले समय में किसी भी उम्र में छात्र आकर अपनी अधूरी पढ़ाई को पूरी कर सकेंगे। उन्हें रेगुलर कक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी।
मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कालेजों में आने वाले समय में किसी भी उम्र में छात्र आकर अपनी अधूरी पढ़ाई को पूरी कर सकेंगे। उन्हें रेगुलर कक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी। नई शिक्षा नीति को लेकर प्रदेश स्तर पर जो मसौदा तैयार किया जा रहा है, उसमें इसका विधिवत प्रावधान किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर नवंबर तक मसौदा तैयार हो जाने की उम्मीद है।
मल्टीपल एंट्री और एग्जिट
विवि में वर्ष 2021-22 से मल्टीपल एंट्री और एग्जिट शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसमें छात्र अपनी पसंद का विषय में कभी भी प्रवेश ले सकेंगे। साथ ही जब चाहे उसे छोड़ भी सकेंगे। स्नातक में प्रवेश लेने वाले छात्रों को पहले साल में सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री मिलेगी। इसमें अगर कोई छात्र एक साल की पढ़ाई कर सर्टिफिकेट लेकर चला जाता है, उसके बाद जीवन में कभी भी वह अपनी डिग्री पूरी करना चाहता है तो उसे मौका दिया जा रहा है। अपने सर्टिफिकेट के क्रेडिट नंबर को लेकर वह दूसरे साल में प्रवेश ले सकेगा। इसके लिए विवि में प्रवेश नियमावली भी बदली जाएगी।
आनर्स के साथ एक साल में परास्नातक
अभी जो मसौदा तैयार किया गया है। उसमें स्नातक चौथे साल में एक विषय से छात्र आनर्स करेंगे। उसमें उन्हें रिसर्च और एक प्रोजेक्ट भी करेंगे। आनर्स के बाद एक साल पढ़कर उन्हें परास्नातक की डिग्री मिल जाएगी। जो छात्र तीन साल तक डिग्री करके दोबारा से परास्नातक करना चाहेंगे, उन्हें दो साल परास्नातक की पढ़ाई करनी होगी।
स्वयं से क्रेडिट की सुविधा
नई शिक्षा नीति के लिए बनी कमेटी के सदस्य प्रो. हरे कृष्ण का कहना है कि स्नातक में प्रवेश करने वाले छात्रों को मुख्य विषय, सामान्य विषय, को कैरकुलम, वोकेशनल कोर्स और प्रोजेक्ट करने होंगे। इसमें को कैरकुलम कोर्स में स्वयं जैसे प्लेटफार्म को भी जगह दी गई है। अगर कोई छात्र स्वयं पोर्टल से कोई कोर्स करके आता है तो उसे इसका क्रेडिट दिया जाएगा।