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Lockdown 4.0: प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के बाद मेरठ में कंटेनमेंट जोन की नई परिभाषा देगी शहरवासियों को राहत

लॉकडाउन 4 में फिलहाल मेरठ को नहीं मिलने जा रही है लेकिन कंटनेमेंट जोन की नई परिभाषा ने शहर को राहत मिलने की उम्मीद को बरकरार रखा है।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 09:26 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 09:26 AM (IST)
Lockdown 4.0: प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के बाद मेरठ में कंटेनमेंट जोन की नई परिभाषा देगी शहरवासियों को राहत
Lockdown 4.0: प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के बाद मेरठ में कंटेनमेंट जोन की नई परिभाषा देगी शहरवासियों को राहत

मेरठ, जेएनएन। कोरोना की रफ्तार न थमने की वजह से मेरठ के लोगों को अभी और कम से कम दो दिन के लिए पुरानी बंदिशों के साथ ही समय काटना होगा। प्रदेश सरकार की ओर से तय की गई गाइडलाइन और उसमें दी गई छूट फिलहाल मेरठ को नहीं मिलने जा रही है, लेकिन कंटनेमेंट जोन की नई परिभाषा ने शहर को राहत मिलने की उम्मीद को बरकरार रखा है। नए नियमों के तहत कंटेनमेंट जोन पहले की अपेक्षा सिकुड़ेगा जिससे गैरसंक्रमित क्षेत्रों का दायरा फैलेगा और सेवाओं को फैलाव मिलेगा।

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नए मापदंड तय किए गए

फिलहाल पूरा मेरठ शहर कंटेनमेंट जोन के अधीन है। यानी इस हालात में प्रदेश सरकार से दी गई कोई रियायत मेरठ को नहीं मिल सकती है। लेकिन, इसके साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से कंटेनमेंट जोन को लेकर जो नए मापदंड तय किए गए हैं उसके अनुरूप अब कोरोना संक्रमित के घर के 250 मीटर के दायरे का अथवा मोहल्ला जो कम हो, उसे कंटेनमेंट जोन माना जाएगा। यानी 60 फीसद की कटौती होगी। एक-एक मोहल्ले पर यह व्यवस्था लागू होने से शहर के कई हिस्से कंटनेमेंट जोन से बाहर आ सकते हैं। खासकर औद्योगिक क्षेत्र। एक से ज्यादा केस होने पर 500 मीटर के घेरे में कंटेंमेंट जोन होगा। उससे आगे 250 मीटर का बफर जोन होगा। ग्रामीण क्षेत्र में केवल एक केस मिलने पर राजस्व गांव का संबंधित मजरा कंटेंमेंट जोन होगा। पहले पूरे गांव का प्रावधान था। अब एक से ज्यादा केस मिलने पर पूरा राजस्व गांव कंटेंमेंट जोन होगा। इससे सटे दूसरे गांव के मजरे इसके बफर जोन में शामिल होंगे।

मौतों का ग्राफ भी चढ़ रहा

कंटेनमेंट जोन का दायरा कम होते ही वाणिज्यिक और व्यावसायिक गतिविधियों को गति मिल जाएगी। इसकी खातिर अगले दो दिन में जिला प्रशासन ने मंथन कर फैसला लेने की बात कही है। कोरोना के मामले चूंकि मेरठ में थम नहीं रहे हैं। मौतों का ग्राफ भी चढ़ता ही जा रहा है, लिहाजा जिला प्रशासन कम से कम राहत देने के मूड में दिख रहा है ताकि शहर को खोलते ही हालात हाथ से न निकल जाएं। बहरहाल, मंगलवार या बुधवार को व्यापार संघ के साथ बैठक कर बाजार-दुकानें खोलने पर जिला प्रशासन निर्णय लेगा। यह तय किया जाएगा कि दुकानें खोलने का आधार क्या बने?

न परतापुर औद्योगिक क्षेत्र को अनुमति न कोई और छूट

नोडल अधिकारियों की मौजूदगी में दो दिन पूर्व जिला प्रशासन ने परतापुर औद्योगिक क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन से बाहर निकालकर वहां के उद्योगों को कामकाज करने शुरू करने की मंजूरी देने की बात कही थी। वादे के मुताबिक मंगलवार से यह राहत मिलनी थी, लेकिन डीएम ने सोमवार की रात को स्पष्ट किया कि अगले दो दिन के लिए फिलहाल उसे भी होल्ड कर दिया गया है। अब नए सिरे से ही सारे निर्णय लिए जाएंगे। तब तक जिन्हें मंजूरी मिली हुई है, वे पूर्ववत उत्पादन चालू रखेंगे।

..तो क्या पूर्ण लॉकडाउन भी एक दिन इंतजार बढ़ाएगा

जिला प्रशासन ने दो दिन बाद नए नियम लागू करने की बात कही है। मंगलवार और बुधवार को नियमों को तैयार करने के बाद गुरुवार को क्या यह लागू होगा, इसे लेकर भी अभी संशय है। इसकी वजह यह है कि गुरुवार को प्रशासन ने पहले से पूर्ण लॉकडाउन घोषित कर रखा है। ऐसे में क्या पूर्ण लॉकडाउन का नियम खत्म होगा, अथवा नए नियम शुक्रवार से लागू होंगे, जिला प्रशासन इस पर अभी चुप्पी साधे हुए है। 


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